भोपाल में 22 सितंबर को जुटेंगे बीसियों हजार अस्थायी, आउटसोर्स कर्मचारी,
चपरासी, चौकीदार की नौकरी देने में असफल भाजपा सरकार के खिलाफ “कामगार क्रांति आंदोलन”
भोपाल। ग्राम पंचायतों के चौकीदार, भृत्य, पंप आपरेटर, सफाईकर्मी, स्कूलों, छात्रावासों के अंशकालीन, अस्थाई कर्मचारी, निगम मंडल, नगरीय निकाय, सहकारिता के आउटसोर्स, अस्थाई कर्मी, शासकीय विभागों के आउटसोर्स कंप्यूटर आपरेटर, अस्पताल, मेडीकल कालेजों के वार्ड न्याय, सुरक्षाकर्मी, सहित चतुर्थ श्रेणी आउटसोर्स कर्मचारी, मंडियों, राष्ट्रीयकृत एवं सहकारी बैंकों, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, यूनिवर्सिटी, आयुष विभाग के योग प्रशिक्षक, शिक्षा विभाग के व्यावसायिक प्रशिक्षकों सहित सभी शासकीय अर्द्धशासकीय विभागों के अस्थाई, आउटसोर्स कर्मचारी *”नौकरी में सुरक्षा और न्यूनतम 21000 रूपए वेतन”* की मांग को लेकर 22 सितंबर को प्रदेश अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में चपरासी, चौकीदार की नौकरी देने में असफल भाजपा सरकार के खिलाफ “कामगार क्रांति आंदोलन” करेंगे, जिसमें प्रदेशभर से बीसियों हजार कर्मचारी शामिल होंगे।
प्रेस को जारी विग्यप्ति में निगम मंडल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल वाजपेई, ग्राम पंचायत चौकीदार संघ के संरक्षक डा अमित सिंह, अध्यक्ष राजभान रावत, अंशकालीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष उमाशंकर पाठक, कंप्यूटर आपरेटर महासंघ के अध्यक्ष रीतेश देवनाथ, रोहित लोधी, गुलशन मंसूरी, गौसेवक मेत्री संघ के अध्यक्ष राजेश धौलपुरे, आयुष विभाग के अध्यक्ष विजय कुमार, योग प्रशिक्षकों की अध्यक्ष गायत्री जायसवाल, अस्पताल एवं मेडीकल कालेजों के नेता विपिन पांडे, राजेंद्र शर्मा, अनीता पाल सहित आउटसोर्स अस्थाई कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि मप्र में सरकारी विभागों में ठेकेदारों का राज चल रहा है, सभी विभागों का 80 प्रतिशत निजीकरण बो चुका है, ऐसी स्थिति में सरकारी विभागों में काम करने वाले कर्मचारियों की नौकरी में न सुरक्षा बची है और न ही सरकार का तय न्यूनतम वेतन मिलता है, यह कर्मचारी अब तक के सबसे बडे अन्याय के शिकार हैं और न्याय के लिए निरंतर संघर्ष कर रहे हैं, जिसके तहत 22 सितंबर को भोपाल में कामगार क्रांति आंदोलन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेशभर से बीसियों हजार कर्मचारी शामिल होकर न्याय के लिए अपनी आवाज बुलंद करेंगे।
प्रशासन अनुमति देने में कर रहा देरी
कर्मचारी नेताओ ने बताया कि अध्यक्ष वासुदेव शर्मा के नेतृत्व में होने वाले “कामगार क्रांति आंदोलन” के लिए नीलम पार्क में अनुमति का पत्र 2 सितंबर को ही लगा दिया था लेकिन पुलिस प्रशासन अनुमति देने में अनावश्यक देरी कर रहा है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि प्रशासन नीलम पार्क में अनुमति नहीं देता है तब सभी कर्मचारी चिनार पार्क के सामने एकत्रित होंगे और वहां से जुलूस लेकर बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष सडक पर बैठ कर शांतिपूर्ण क्रांति आंदोलन करेंगे।
कर्मचारी नेताओं ने सभी विभागों के आउटसोर्स, अस्थाई, ठेका, अंशकालीन कर्मचारियों से अधिक से अधिक संख्या में 22 सितंबर को भोपाल पहुंचने का आव्हान करते हुए कहा कि मप्र में 20 साल से चतुर्थ एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती नहीं हुई है, सरकार ने चपरासी, सफाईकर्मी की नौकरी तक नहीं दी गई है, अस्थाई कर्मचारी के रूप में 2-3 हजार रूपए में काम कराया जा रहा है, इन्हें सरकार का तय न्यूनतम वेतन तक नहीं मिलता, इस तरह लाखों कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है, जिसके खिलाफ कामगार क्रांति आंदोलन में एकजुट होकर आवाज उठाई जाएगी।
अनिल वाजपेई
अध्यक्ष
मप्र निगम मंडल कर्मचारी संघ, भोपाल।