जीवन के निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है_ प्रमाण सागर जी महाराज

युग शिरोमणि, आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद तथा परम पूज्य मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज की पावन प्रेरणा से संचालित गुणायतन परिवार ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए *”श्री विद्या प्रमाण गुरुकुलम्”* की स्थापना की। यह गुरुकुल एक ऐसा केन्द्र है जहां आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ आत्मिक मूल्य, संयम, संस्कार और आत्मबोध की शिक्षा दी भी जाएगी। यहां के संस्कार युक्त, सात्विक और उत्कृष्ट वातावरण में 180 मेघावी छात्रों को सम्पूर्ण रूप से नि:शुल्क विद्यार्जन का श्रेष्ठ अवसर प्राप्त होगा।
गुणायतन परिवार की यह अनूठी पहल पूज्य गुरुदेव की दिव्य दृष्टि, आशीर्वाद और करुणा से अनुप्रमाणित है। शिक्षा के क्षेत्र में यह गुरुकुल एक अभूतपूर्व एवं युगद्रष्टा कार्य सिद्ध होगा, जहां विद्या के साथ-साथ आत्मविकास और जीवन-मूल्यों का भी सिन्चन होगा।हेमलता जैन रचना ने बताया कि तन को स्वस्थ्य, मन को मस्त, आत्मा को पवित्र
बनाने के अभिनव प्रयोग “भावना योग” प्रवर्तक, संत शिरोमणि आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज जी
ने अक्षय तृतीया के दिन भोपाल में “विद्याप्रमाण गुरुकुलम्” के प्रथम स्थापना समारोह में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि_ “जीवन के निर्माण में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। बिना शिक्षा के जीवन अधूरा है। आपने आगे कहा कि “गुणायतन” ने आज तक जो भी कार्य अपने हाथों में लिये हैं उन्हें पूर्ण निष्ठा के साथ पूर्ण किया है। मुनि श्री ने आचार्य गुरूदेव का स्मरण करते हुए कहा कि आचार्य गुरूदेव चाहते थे कि भारत की प्राचीन शिक्षा पद्धति में सर्वांगीण शिक्षा की जो
अवधारणा होती थी वह पूर्ण हो। उपरोक्त संदर्भ में मेरी चर्चा उनसे नेमावर में हुई थी। उन्होंने आशीर्वाद देते हुए कहा था कि वर्तमान समय की शिक्षा व्यवस्था मात्र बौद्धिक विकास की ओर है, मैं मानता हूं कि बौद्धिक विकास जीवन के लिए बहुत जरुरी है लेकिन इसके साथ-साथ नैतिक, चारित्रिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक विकास भी जरुरी है। यहां पर जो भी छात्र अध्ययन करेंगे वह सभी छात्र मुखर, प्रखर, प्रज्ञावान और देश के प्रति निष्ठावान बनकर देश, समाज और धर्म के आईकॉन बनेंगे तथा राष्ट्र की सेवा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मुनि श्री ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि आज अक्षय तृतीया के दिन गुणायतन, विद्यासागर शिक्षण संस्थान तथा सेज इंटरनेशनल के माध्यम से जो उत्कृष्ट कार्य पूर्ण हुआ है उसके लिये तीनों संस्थानों के सभी कार्यकर्ताओं ने मेहनत की है। आज संपूर्ण भारत में 1800 चैप्टर सदस्य हैं, जिसमें सबसे अधिक 200 के करीबन भोपाल से हैं। आपने कहा कि जैसा कि इंदौर चातुर्मास के दौरान घोषणा की गई थी कि गुणायतन का उद्देश्य श्री सम्मेद शिखर जी तक ही सीमित नहीं है बल्कि गुणायतन का मूल मकसद समाज का गुणात्मक परिवर्तन कर सकल समाज को सशक्त बनाना है।”
इस अवसर पर गुणायतन के अध्यक्ष विनोद काला कोलकाता एवं कार्याध्यक्ष एन.सी.जैन दिल्ली ने घोषणा की कि गुरुकुलम् में स्कॉलरशिप के माध्यम से पूर्णतया निःशुल्क शिक्षा रहेगी।
प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया कि इस अवसर पर गुणायतन, सेज इंटरनेशनल तथा विद्यासागर इंस्टीट्यूट के समस्त डायरेक्टर उपस्थित थे। गुणायतन के मध्य भारत क्षेत्रीय अध्यक्ष तथा इस कार्यक्रम के संयोजक नरेंद्र जैन टोंग्या, विद्याप्रमाण गुरुकुलम् की प्रमुख रचना पारिख, डायरेक्टर दिलीप बिल्डकॉन तथा सेज इंटरनेशनल के प्रशांत जैन, भोपाल क्षेत्र के रोहित जैन, अनुभव सराफ, देवेंद्र जैन सहित समस्त कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हुए समस्त अभिभावकों का आभार प्रकट किया गया। इस अवसर पर देश के संपूर्ण भाग सहित भोपाल के अनेक गणमान्य जनों, जन प्रतिनिधियों, वरिष्ठजनों के साथ सकल जैन समाज ने अपनी उपस्थिति दर्ज़ की।