खबरमध्य प्रदेश

धर्म, संस्कृति और आध्यात्म से भारत बनेगा विश्वगुरू- उप मुख्यमंत्री  शुक्ल

सतना में आध्यात्मिकता और राष्ट्र निर्माण उद्बोधन श्रृंखला का किया शुभारंभ
भोपाल/ 21 सितंबर ।उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि आजादी के 100वें वर्ष 2047 में भारत विकसित देश बनने के साथ ही संस्कृति, धर्म और आध्यात्म से विश्वगुरू का दर्जा हासिल करेगा। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेज गति से प्रगति कर रहा है। देश की अर्थव्यवस्था जो दुनिया में 11वें स्थान पर होती थी। वर्तमान में भारत अर्थव्यवस्था के मामले में दुनिया में 5वें पायदान पर है और वह दिन दूर नहीं जब हम आगामी 5 वर्षों में अर्थव्यवस्था के मामले में तीसरे स्थान पर होंगे। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने सतना के टाउन हाल में आध्यात्मिकता और राष्ट्र निर्माण विषय पर अंतर्राष्ट्रीय उद्बोधन श्रृंखला का दीप प्रज्जवलन कर शुभारंभ किया।

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि नई पीढी अक्सर आर्थिक सुदृढता में संस्कृति और आध्यात्म से दूर होकर मार्ग से भटक जाती है। हमारे देश में भगवान राम और कृष्ण ने जन्म लिया है तो हम भारतवासी अपने धर्म और आध्यात्म से अलग नहीं हो सकते। दुखी मानवता को देखकर दुखित होना, घायल और बीमार को मानवीय भावना से अस्पताल पहुंचाकर इलाज करना भी आध्यात्मिकता है।

आचार्य श्री श्रेष्ठ जन सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया

उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की चतुर्दिक प्रगति के साथ धर्म और आध्यात्म की पुर्नस्थापना में अतुलनीय योगदान किया है। बिना आध्यात्म के भारत को विश्व गुरू का दर्जा दिलाने का कार्य नहीं हो सकता। हमारे धर्म, हमारा ज्ञान, हमारी आस्था और मेहनत विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचाते हैं और विश्व में शांति और कल्याण की दिशा में आगे बढते हैं। इस अवसर पर आयोजक संस्था द्वारा उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल को आचार्य श्री श्रेष्ठ जन सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया।

महापौर श्री योगेश ताम्रकार, अटल बिहारी बाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर (छत्तीसगढ) के कुलगुरू आचार्य अरूण दिवाकर नाथ बाजपेयी जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रामखेलावन कोल, म.प्र. कोल विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री रामलाल रौतेल, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलगुरू, कुलाधिपति, मध्यप्रदेश और अन्य प्रांतों से आये शिक्षाविद गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button