
Deepseek: टेक एनालिस्ट ने चेतावनी दी है कि लो-कॉस्ट चीनी अल्टरनेटिव्स के आने के बाद इस्टैबलिश्ड US AI मॉडल्स पर दबाव बनेगा. इससे टेक कंपनियों को अपनी AI स्ट्रैटेजी पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है
चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) चैटबॉट मॉडल डीपसीक (Deepseek) ने सोमवार को एंट्री क्या मारी, इससे से अमेरिका समेत टेक वर्ल्ड में खलबली मच गई. इस चैटबॉट को बनाने में चीन की कॉस्टिंग बहुत कम आई है और ये पहले से मौजूद बाकी AI चैटबॉट मॉडल से कई मामलों में खास बताया जा रहा है. इसका मुकाबला ChatGPT, Gemini, Claude AI और मेटा AI जैसे प्लेटफॉर्म से हो रहा है.
टेक एनालिस्ट ने चेतावनी दी है कि लो-कॉस्ट चीनी अल्टरनेटिव्स के आने के बाद इस्टैबलिश्ड US AI मॉडल्स पर दबाव बनेगा. इससे टेक कंपनियों को अपनी AI स्ट्रैटेजी पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है. दुनियाभर में इस AI मॉडल का फ्री में इस्तेमाल किया जा सकता है. ऐसे में सवाल है कि DeepSeek AI में ऐसा क्या खास है, जो दूसरे चैटबॉट नहीं कर पाए.
DeepSeek ने एआई इंडस्ट्री में हलचल मचा रखी है. वहीं, इस रेस में डीपसीक ने अपने प्रतियोगी एआई मॉडल चैटजीपीटी, जेमिनी और क्लाउड एआई को कड़ी टक्कर दे रखी है. वहीं अब डीपसीक की एक चैटबोट ने एक बार फिर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच रखा है. दरअसल, कई यूजर्स डीपसीक का जमकर टेस्ट ले रहे हैं और इसकी क्षमता का आकलन भी कर रहे हैं. वहीं एक इंडियन यूजर ने अपने उस एक्स पोस्ट से हंगामा मचा दिया है, जिसमें उसने डीपसीक में अरुणाचल प्रदेश के बारे में जानकारी मांगी है, लेकिन उसे ऐसा जवाब मिला, जो कि आश्चर्यचकित करने वाला है.
डीपसीक चैटबोट और अरुणाचल प्रदेश (DeepSeek Chatbot and Arunachal Pradesh)
इस यूजर ने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है, जिसमें उसने डीपसीक की चैटबोट दिखाई है. इस चैटबोट में आप देख सकते हैं कि इंडियन यूजर ने जब भारत के उत्तरी-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश पर डीपसेक से जानकारी मांगी तो जवाब आया कि ‘माफ करे, यह हमारे सीमा से परे है, किसी और के बारे में बात करें’. इसके बाद इस इंडियन यूजर ने एक बार फिर डीपसीक से पूछा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के नाम बताओ’. इस पर चीनी एआई एप डीपसीक का फिर वही जवाब आया.
आखिर क्या है पूरा मामला ? (Arunachal Pradesh and China)
डीपसीक के अरुणाचल प्रदेश पर जानकारी न देने की वजह यह है कि चीन शुरू से ही अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता आया है, लेकिन इस पर भारत का कहना है कि उत्तर-पूर्व के सभी राज्य भारत की सीमा में आते हैं, जिसमें अरुणाचल प्रदेश भी शामिल है. वहीं, भारत का विदेश मंत्रालय एक बयान में कह चुका है, ‘अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और रहेगा, इसके लोगों को हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा’. विदेश मंत्रालय ने चीन के उन सभी दावों को आधारहीन बताया है, जिसमें वह अरुणाचल प्रदेश को चीन को हिस्सा बताता आया है.
वहीं, अमेरिकी विदेश विभाग ने भी पिछले साल एक बयान में कहा था कि अमेरिका भी अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानता है और चीन के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर भारतीय राज्य में उसके क्षेत्रीय दावों को आगे बढ़ाने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करता है.
डीपसीक के बारे में (About DeepSeek)
डीपसीक एक एआई एप है, जिसे चीन के हांग्जो के रहने वाले 40 साल के लियांग वेनफेंग ने बनाया है. लियांग वेनफेंग ने इन्फॉर्मेशन एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री ली है. बीबीसी की मानें तो, लियांग ने हेज फंड की भी स्थापना की, जिससे डीपसीक को बनाने में बड़ी मदद मिली. कमाल की बात तो यह है कि लियांग ने चीन में अमेरिकी निर्यात के प्रतिबंध से पहले ही Nvidia A100 चिप्स को भारी मात्रा में स्टोर कर लिया था, जिससे डीपसीक को हाईटेक होने में मदद मिली. अब डीपसीक अमेरिका की बड़ी-बड़ी एआई कंपनियों को टक्कर दे रहा है.