पीएम मोदी ने गरीबों को दिया राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा
सुशील कुमार मिश्रा
किसी भी व्यक्ति की मूल भूत आवश्यकताओं में शिक्षा, भोजन, कपड़ा, मकान और स्वास्थ्य शामिल होता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 10 वर्षों में गरीबों की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाईं है. आज हर गरीब के पास रहने को मकान, बीमारियों के उपचार के लिए 5 लाख रूपये तक की सुविधा, इससे करोड़ों की संख्या में गरीब निजी और सरकारी अस्पतालों में गंभीर बीमारियों का इलाज करा पाने में सक्षम हैं. बीमारियों के चलते लोगों को कर्जदार होना पड़ता था, अब गरीबों के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी केन्द्र सरकार उठा रही है. गरीबों को राशन की सुविधा सरकार ही उठा रही. दशकों पूर्व गरीबों को कच्चे घरों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था, सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के द्वारा गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिए राशि उपलब्ध कराई है. कुल मिलाकर कहें कि केन्द्र की प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने हर गरीब को राष्ट्रीय संपत्ति और उनकी आर्थिक सुरक्षा को सरकार की जिम्मेदारी बना दिया है. आयुष्मान भारत योजना अच्छे स्वास्थ्य की गारंटी: देश के गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के उद्देश्य से मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना चलाई है. इस स्कीम में आयुष्मान कार्ड धारकों को 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है. दवाई की लागत, चिकित्सा आदि का खर्च सरकार वहन करती है.
इस योजना के पात्र लोग आयुष्मान कार्ड के जरिए सरकार द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त में अपना इलाज करवा सकते हैं. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना से भोजन की गारंटी: मोदी सरकार ने इस योजना की शुरुआत मार्च 2020 में की थी. कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के दौरान इस स्कीम को शुरू करके 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया गया था. केंद्र सरकार इस योजना को कई बार बढ़ा चुकी है. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से देश के 80 करोड़ नागरिकों को हर महीने 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त प्रदान किए जाते हैं. उज्ज्वला योजना: मोदी सरकार ने देश की महिलाओं की जिंदगी में बदलाव के मकसद से मई 2016 में उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी. इस योजना के तहत बीपीएल कार्ड धारकों को मु्फ्त गैस कनेक्शन दिया जाता है और सब्सिडी पर एक साल में 12 गैस सिलिंडर मिलते हैं. सब्सिडी सीधे पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा होती है. उज्ज्वला योजना के करीब 10 करोड़ लाभार्थी हैं. जनधन योजना: इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोग बैंकों में जीरो बैलेंस अकाउंट खुलवा सकते हैं.
जनधन बैंक खाते पर आमजन को चेक बुक, पासबुक, दुर्घटना बीमा के अलावा ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी की सुविधा भी मिलती है. ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तहत जनधन खाता धारक अपने अकाउंट में बैलेंस नहीं होने पर भी 10,000 रुपए तक की राशि निकाल सकते हैं. इस योजना का मकसद वित्तीय समावेशन है. मतलब देश के गरीब से गरीब व्यक्ति को भी बैंकिंग सिस्टम से जोडऩा. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना: देश के छोटे, लघु और सीमांत किसानों को खेती करने में आर्थिक मदद देने के लिए केंद्र सरकार पीएम किसान सम्मान निधि योजना चलाती है. इस योजना के तहत केंद्र सरकार देश के किसानों को सालभर में 6000 रुपए की आर्थिक सहायता देती है.
ये पैसे 2-2 हजार की तीन किस्तों में सीधे किसान लाभार्थियों के बैंक खाते में ट्रांसफर होते हैं. इस योजना में जमीन, आय के स्रोत और कुछ दूसरे पैमानों को देखते हुए लाभार्थियों की पात्रता तय की जाती है. प्रधानमंत्री आवास योजना: इस स्कीम के तहत देश के गरीब और बेघर लोगों को अपना आवास बनवाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सहायता राशि दी जाती है. इस राशि की मदद से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिक, खुद का घर बनवाने में सक्षम हो पाते हैं. पीएम आवास योजना के 2 रूप हैं, पहला पीएम आवास ग्रामीण और दूसरा पीएम आवास अर्बन जो शहरी क्षेत्रों के लिए है. प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से घर बनाने के लिए सरकार ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को 1,30,000 और शहरी क्षेत्र के लोगों को 1,20,000 रूपये प्रदान करती है. इस राशि में ज्यादातर राज्य सरकारें भी सहयोग करती हैं, जिससे यह 2.5 लाख तक की आर्थिक सहायता बन जाती है. भारत सरकार के डेटा के मुताबिक पूरे देश में इस योजना के तहत अब तक 4 करोड़ से अधिक लोगों को आवास दिया जा चुका है.