
घरेलू शेयर बाजार ने सोमवार को हुए भारी नुकसान में थोड़ी भरपाई मंगलवार को कर ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से टैरिफ के एलान के बाद दुनियाभर के बाजार में सोमवार को बड़ी गिरावट दिखी थी। हालांकि, मंगलवार को वैश्विक बाजार में सकारात्मक रुख दिखा। घरेलू शेयर बाजार में सोमवार को एक दिन पहले 10 महीने में सबसे बुरी गिरावट आई थी।मंगलवार को एशियाई और यूरोपीय बाजारों में तेजी के बीच चौतरफा खरीदारी से सेंसेक्स 1,089 अंक ऊपर चढ़कर बंद हुआ। लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में रुपया डॉलर के मुकाबले 50 पैसे की गिरावट के साथ 86.26 रुपये (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ। पिछले तीन में महीने में यह रुपये में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स तीन दिन की गिरावट पर विराम लगाते हुए 1,089.18 अंक या 1.49 प्रतिशत उछलकर 74,227.08 अंक पर बंद हुआ। इसके 29 शेयर लाभ में रहे। कारोबार के दौरान यह 1,721.49 अंक या 2.35 प्रतिशत चढ़कर 74,859.39 अंक पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 374.25 अंक या 1.69 प्रतिशत बढ़कर 22,535.85 पर पहुंच गया, जिससे तीन दिन से जारी गिरावट थम गई। कारोबार के दौरान बेंचमार्क 535.6 अंक या 2.41 प्रतिशत बढ़कर 22,697.20 पर पहुंच गया। सोमवार को सेंसेक्स 2,226.79 अंक या 2.95 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ था। निफ्टी में 742.85 अंक या 3.24 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई थी। यह 10 महीनों में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी। अमेरिकी टैरिफ युद्ध के बाद मंदी की आशंकाओं के कारण वैश्विक शेयर बाजारों में भारी गिरावट आई थी।
मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, “सकारात्मक वैश्विक बाजार संकेतों ने स्थानीय बेंचमार्क में भारी सुधार में मदद की, क्योंकि अमेरिकी व्यापार शुल्कों पर चिंताएं थोड़ी कम हो गईं। उम्मीद है कि अधिकांश देश चुनौती से निपटने के तरीके खोज लेंगे। भारत मुख्य रूप से उपभोग-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए अमेरिकी शुल्क प्रभाव अन्य देशों की तुलना में देश को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा सकता है।”