एजुकेशनमध्य प्रदेश

रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ एवं आईपीआर सेल के संयुक्त तत्वावधान में “स्टार्टअप्स के लिए बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा एवं प्रबंधन” विषय पर एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सुश्री अपर्णा पांढरकर, भारतीय पेटेंट एजेंट एवं स्टार्टअप प्रोत्साहक, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार और डॉ. अजय कुमार चौबे, संस्थापक एवं निदेशक – ई-स्किल भारत, स्टार्टअप इंडिया मेंटर और इग्नू-एनसीआईडीई के नवाचार समन्वयक बतौर वक्ता विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को आईपीआर की मूल अवधारणाओं, पेटेंट प्रक्रिया और नवाचार के व्यावहारिक पहलुओं से परिचित कराना था, जिससे वे अपने विचारों की सुरक्षा कर सकें और उन्हें व्यावसायिक स्तर तक ले जा सकें। कार्यशाला के पहले दिन सुश्री अपर्णा पांढरकर ने “पेटेंट ड्राफ्टिंग एवं फाइलिंग” विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रतिभागियों को पेटेंट तैयार करने की प्रक्रिया, ड्राफ्टिंग के नियम और फाइलिंग की तकनीकी जानकारी दी। उन्होंने व्यावहारिक उदाहरणों और केस स्टडीज़ के माध्यम से छात्रों को पेटेंट प्रक्रिया को गहराई से समझाया, जिससे नवोन्मेषी विचारों को विधिक सुरक्षा मिल सके।

दूसरे दिन के विषय आइडिया से हकीकत तक की यात्रा में डॉ. अजय कुमार चौबे ने विचारों को व्यावसायिक एवं नवाचार मॉडल में बदलने की प्रक्रिया और बौद्धिक संपदा की भूमिका को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। कार्यशाला के दूसरे दिन विषय आइडिया से हकीकत तक की यात्रा में डॉ. अजय कुमार चौबे ने छात्रों को यह बताया कि किसी भी विचार को व्यावसायिक मॉडल में कैसे बदला जा सकता है। उन्होंने नवाचार, स्टार्टअप विकास और बौद्धिक संपदा अधिकारों की व्यावसायिक उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार से एक सामान्य विचार को नीति, निवेश और नवाचार के माध्यम से सशक्त उद्यम में बदला जा सकता है। इस कार्यशाला के संयोजक के रूप में श्रीमती माधवी पाटकर (संस्थान समन्वयक) और डॉ. प्रतीक निगम (आईपीआर सेल समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष – ईईई) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यशाला का संचालन इंस्टिट्यूट ऑफ लॉ की एचओडी डॉ. नैश ज़मीर के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विधि, इंजीनियरिंग, नर्सिंग तथा कृषि संकायों के विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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