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अर्बन चैलेंज फंड से भोपाल को विशेष सहायता मिले, क्रेडाई ने की केंद्रीय मंत्री से मांग

कमाल का भोपाल अभियान के प्रणेता मनोज मीक के नेतृत्व में क्रेडाई प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की 

भोपाल,  9 फरवरी। राजधानी में आयोजित राउंड टेबल कांफ्रेंस के दौरान क्रेडाई भोपाल ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री  मनोहर लाल खट्टर के समक्ष केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित ₹1 लाख करोड़ के अर्बन चैलेंज फंड में से राजधानी भोपाल के लिए विशेष पैकेज की मांग रखी। इस दौरान क्रेडाई भोपाल के अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा कि “भोपाल ने शहरीकरण की बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। 1984 की औद्योगिक त्रासदी के बाद इस शहर को पुनर्जीवित करने के लिए कोई ठोस राष्ट्रीय पुनर्विकास योजना नहीं बनाई गई, जबकि दुनिया के कई देशों ने आपदाओं के बाद अपने शहरों को फिर से खड़ा किया है। हिरोशिमा-नागासाकी की पुनर्निर्माण नीति एक आदर्श उदाहरण है, हिरोशिमा और नागासाकी को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पुनर्निर्माण के लिए एक समर्पित नीति के तहत वैश्विक आर्थिक केंद्रों में बदला गया। जापान सरकार ने इन शहरों को ‘पीस सिटी’ और ‘सस्टेनेबल डेवलपमेंट मॉडल’ के रूप में विकसित किया, जिससे वे आर्थिक, तकनीकी और शहरी विकास के प्रतीक बन गए। इन्हें नियोजित विकास की रणनीति अपनाकर उन्हें विश्वस्तरीय शहरों में बदला गया। भोपाल का भी इसी तरह ‘विकसित भारत 2047’ योजना के तहत पुनर्निर्मित किया जाना चाहिए। मीक ने अनुरोध किया कि भोपाल को प्रगतिशील राजधानियों की श्रेणी में लाने के लिए केंद्र सरकार की नीतिगत प्राथमिकता और वित्तीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है।

बैठक के मुख्य बिंदु:

➠ भोपाल को अर्बन चैलेंज फंड में विशेष पैकेज मिले
➠ भोपाल मेट्रो के विस्तार और लॉजिस्टिक्स हब विकसित करने के लिए केंद्रीय सहायता मिले
➠ भोपाल की जल निकायों और हरित क्षेत्र संरक्षण के लिए केंद्र सरकार से विशेष ग्रीन फंड मिले
➠ पुराने भोपाल के पुनर्विकास और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त फंडिंग मिले
➠ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत भोपाल में 25,000+ नए किफायती मकानों को मंजूरी मिले
➠ भोपाल के अधूरे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को SWAMIH फंड-2 में शामिल किया जाए

शहरी विकास मंत्री की प्रतिक्रिया

शहरी विकास मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने अर्बन चैलेंज फंड के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य सरकार को अपने हिस्से के बजट प्रावधानों के साथ विस्तृत प्रस्ताव भेजना होगा। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि भोपाल को विशेष अतिरिक्त सहायता दिलाने के लिए केंद्र सरकार हर संभव प्रयास करेगी।

‘कमाल का भोपाल’ अभियान पर विशेष चर्चा, केंद्र को सौंपी रिपोर्ट

क्रेडाई भोपाल ने इस बैठक में राजधानी के विकास के लिए ठोस नीति और वित्तीय सहयोग की जरूरत को प्रभावी रूप से प्रस्तुत किया। राउंड टेबल कांफ्रेंस के अंत में क्रेडाई भोपाल ने ‘कमाल का भोपाल’ अभियान की स्वीकृत रिपोर्ट और केंद्र सरकार से अपेक्षित सहयोग का प्रतिवेदन मंत्री महोदय को सौंपा।

इसमें भोपाल को राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐतिहासिक, स्मार्ट, हरित, और निवेश-अनुकूल शहर के रूप में स्थापित करने के लिए लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, इनोवेशन, और इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रस्ताव रखे गए।

‘कमाल का भोपाल’ अभियान के तहत क्रेडाई भोपाल के प्रमुख सुझाव:

➠ भोपाल को ‘स्मार्ट और हेरिटेज मेट्रोपोलिस’ के रूप में विकसित किया जाए
➠ भोपाल को ‘500 किमी दायरे का सबसे बड़ा लैंडलॉक्ड शहरी क्षेत्र’ मानकर लॉजिस्टिक्स केपिटल बनाया जाए
➠ पुराने भोपाल, TT नगर, गोविंदपुरा, बैरागढ़ के पुनर्विकास को केंद्रीय फंडिंग मिले
➠ भोपाल-इंदौर मेट्रो कॉरिडोर को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित किया जाए
➠ बड़ा तालाब, कलियासोत, और अन्य जल निकायों को ‘नेशनल वाटर बॉडी रिस्टोरेशन मिशन’ में शामिल किया जाए।
➠ भोपाल की जल निकायों और हरित क्षेत्र संरक्षण के लिए केंद्र सरकार से विशेष ग्रीन फंड मिले।
➠ भोपाल में किफायती आवास परियोजनाओं को विशेष वित्तीय सहायता दी जाए।
➠ भोपाल के अधूरे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को SWAMIH फंड-2 में शामिल किया जाए

क्रेडाई भोपाल का बयान:

“भोपाल राजधानी क्षेत्र में मानव बसाहट के सबसे प्राचीन प्रमाणिक चिन्ह है, यह राजा भोज द्वारा नियोजित एक ऐतिहासिक शहर है, इसकी भौगोलिक स्थिति इसे बेहद महत्वपूर्ण बनाती है। लेकिन इसे सही प्राथमिकता नहीं मिल पाई है। 1984 की औद्योगिक त्रासदी के बाद से यह शहर लगातार पुनर्विकास की मांग कर रहा है, लेकिन पिछले 30 वर्षों से यहां कोई समर्पित भोपाल विकास योजना नहीं बन पाई है।
हमें इसे केवल स्मार्ट सिटी के रूप में नहीं, बल्कि एक आदर्श राजधानी के रूप में विकसित करना होगा। क्रेडाई भोपाल सरकार के साथ मिलकर शहर के नियोजित विकास, रियल एस्टेट क्षेत्र की मजबूती और बुनियादी ढांचे के विस्तार के लिए ठोस प्रस्ताव रख रही है। हमारा लक्ष्य ‘कमाल का भोपाल’ अभियान के तहत राजधानी को वैश्विक पहचान दिलाना और इसे शहरी भारत का एक रोल मॉडल बनाना है। विकसित भारत के लक्ष्य के लिए हमें आदर्श अर्बन विजन अपनाना ही होगा।”

– मनोज मीक.
कमाल का भोपाल अभियान के प्रणेता

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