प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल द्वारा बी. टेक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यादगार विदाई समारोह आयोजित

भोपाल, 17 अप्रैल। प्रदेश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान, प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल ने गुरुवार को अपने परिसर में बी. टेक और डिप्लोमा इंजीनियरिंग के अंतिम वर्ष के छात्रों के लिए एक भव्य विदाई समारोह ‘विदा उत्सव 2025″ का आयोजन किया। उत्साह और भावुकता से भरे इस कार्यक्रम में रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रेरणादायक संबोधनों और यादगार पलों ने सभी उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। समारोह का शुभारंभ परंपरागत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ, जिसके बाद कनिष्ठ छात्रों ने अपने वरिष्ठ साथियों का पुष्पगुच्छ और तिलक द्वारा भव्य स्वागत किया। कार्यक्रम में लोकनृत्य, गायन औरनाट्य प्रस्तुतियों के माध्यम से छात्रों के बीच के अटूट बंधन को दर्शाया गया, जिसने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और प्रेस्टिज ग्रुप के निदेशक डॉ. अनिल बाजपेयी ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहा, “आज का दिन आपके जीवन की समाप्तिनहीं, बल्कि एक नई और उज्ज्वल शुरुआत है। प्रेस्टिज में आपने जो ज्ञान और कौशल अर्जित किए हैं, वे आप के भविष्य की नींव बनेंगे।” उन्होंने आगे जोड़ा, “प्रेस्टिज परिवार के साथ आपका संबंध कभी समाप्त नहीं होता। हम आपके करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए हमेशा आपके साथ खड़े रहेंगे। याद रखिए, आप प्रेस्टिज के हैं, और आपकी सफलता ही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है।”
बी. टेक के अंतिम वर्ष के मेधावी छात्र ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, ‘प्रेस्टिज ने हमें सिर्फ पाठ्यक्रम ही नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला भी सिखाई है। यहां के शिक्षकों और मित्रों के साथ बिताए पल हमारी सबसे कीमती धरोहर हैं।”
संस्थान के प्राचार्य डॉ. इलियाज खान ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में कहा, ‘हमारे छात्र ही हमारी असली पूंजी हैं। आज जिन छात्रों को हम विदा दे रहे हैं, उनमें से प्रत्येक ने संस्थान के गौरव को बढ़ाने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि वे अपने कार्यक्षेत्र में प्रेस्टिज के मूल्यों और आदर्शों को आगे बढ़ाएंगे और अपनी प्रतिभा से देश और समाज का नाम रोशन करेंगे।”
समारोह में संस्थान के सभी विभागों के प्रमुख, शिक्षकगण, कर्मचारी और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन एक सामूहिक गीत प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसके बाद सामूहिक भोज का आयोजन किया गया।