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एम्स में कोई और करा रहा था इलाज, जेल जाने से बचने के लिए लावा मोबाइल के MD का ड्रामा

नई दिल्ली: 

दिल्ली पुलिस ने लावा इंटरनेशनल मोबाइल कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) बनकर एम्स में इकोकार्डियोग्राम जांच कराने के आरोप में शुक्रवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. दरअसल जेल से बचने के लिए लावा मोबाइल के मैनेजिंग डायरेक्टर हरिओम राय ने एम्स में इलाज का बहाना बनाया था. लेकिन अपनी जगह एम्स के कार्डियो विभाग में किसी दूसरे शख्स को एडमिट कराने की कोशिश की. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एम्स में जाकर उस शख्स को पकड़ा  और दिल्ली पुलिस के हवाले कर दिया. ईडी की तरफ से जालसाजी और धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है.

जमानत पर बाहर थे हरिओम राय

अधिकारियों ने बताया कि नवल किशोर राम को तब पकड़ा गया जब वह हरिओम राय के नाम पर एम्स की ईसीएचओ प्रयोगशाला में अपनी इकोकार्डियोग्राम जांच करा रहा था. ईडी ने राम के साथ-साथ राय, उनके बेटे प्रणय राय और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ बृहस्पतिवार को पुलिस में मामला दर्ज किया था. राय को ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में वीवो-इंडिया के खिलाफ मामले में धन शोधन के आरोप में गिरफ्तार किया था. उन्हें फरवरी में चिकित्सा आधार पर दिल्ली उच्च न्यायालय से तीन महीने की जमानत मिली थी. राय ने हाल में इस आधार पर अपनी चिकित्सा जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष एक आवेदन दायर किया था कि वह हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं.

इसके बाद अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में उनकी हृदय संबंधी स्वास्थ्य जांच का आदेश दिया और निर्देश दिया कि रिपोर्ट बृहस्पतिवार को उसके समक्ष रखी जाए. ईडी अधिकारियों की एक टीम राय की मेडिकल जांच की निगरानी के लिए बृहस्पतिवार को एम्स पहुंची थी. वह हालांकि अपराह्न एक बजे तक उपस्थित नहीं हुए, जबकि इस अवधि के दौरान उन्हें तीन ईमेल भेजे गए थे.

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