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हिंदी को सशक्त बनाने के लिए निटर भोपाल सदैव प्रतिबद्ध हैं :  प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

राजभाषा संरक्षण हमारे संस्थान की प्राथमिकता है” — प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

एनआईटीटीटीआर भोपाल की राजभाषा समिति के सदस्यों के साथ बैठक में निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने संस्थान की राजभाषा हिंदी के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता और उत्कृष्ट कार्य हेतु संस्थान को विभिन्न स्तर पर पुरस्कार एवं सराहना मिलने पर सभी सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनायें दी। गत एक वर्ष में संस्थान को राजभाषा क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य हेतु पांच पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। हाल ही में संस्थान को केरल के राज्यपाल माननीय श्री राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के कर कमलों द्वारा तीन पुरस्कार प्राप्त हुए हैं जिन्हें संस्थान के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. पुरोहित द्वारा प्राप्त किया गया। संस्थान के निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी को नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अध्यक्ष के रूप में निभाए गए महत्वपूर्ण योगदान और हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरणादायी नेतृत्व एवं प्रो. पी. के. पुरोहित डीन स्कूल ऑफ साइंसेज एवं राजभाषा समन्वयक को हिंदी में वैज्ञानिक विषयों पर उनके उत्कृष्ट व्याख्यान,पुस्तक लेखन एवं 26 वर्षों से निरंतर प्रकाशित हो रही संस्थान की राजभाषा पत्रिका ‘संपर्क सरिता’ के संपादक के रूप में उल्लेखनीय योगदान के लिए पुरस्कृत किया गया है। इस अवसर पर निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा, “यह सम्मान हमारे संस्थान की हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता का सम्मान है। एनआईटीटीआर भोपाल हिंदी भाषा को एक सशक्त माध्यम बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हम आगे भी हिंदी के विकास और समृद्धि के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे।” । इस अवसर पर संस्थान के राजभाषा प्रकोष्ठ के सदस्य डीन एडमिनिस्ट्रेशन प्रो आर के दीक्षित ,श्री निशांत ओझा ,श्री संजय त्रिपाठी एवं श्रीमती बबली चतुर्वेदी उपस्थित थी।

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