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जांबाज सपूतों की दृढ इच्छा शक्ति और बलिदान से मिली आजादी-राजेन्द्र शुक्ल


*शहीद लाल पद्मधर सिंह पर रचित कृति का विमोचन समारोह*
भोपाल 4 अगस्त 2024/उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के जांबाज सपूतो की दृढ इच्छा शक्ति और बलिदान से ही देश को आजादी मिली है। सन् 1942 की अगस्त क्रांति 1857 की क्रांति से कही अधिक मारक थी। जिसके फलस्वरूप अगस्त 1947 में हमें आजादी मिली और लोकतंत्र में जीने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि विंध्य के अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह को स्मरण करना और इन कार्यक्रमों में शामिल होना हर देशवासी के लिए गौरव की बात होती है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल रविवार को सतना के टाउन हाल में आयोजित अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह पर रचित कृति के विमोचन समरोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री महाराज पुष्पराज सिंह रीवा ने की। इस अवसर पर सांसद गणेश सिंह, विधायक नागौद नागेंद्र सिंह, विधायक चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गहरवार, विधायक सतना सिद्धार्थ कुशवाहा, महापौर योगेश ताम्रकार, पूर्व विधायक प्रभाकर सिंह, एकेएस विवि के चेयर मैन अनंत सोनी, कृपालपुर के ब्रिगेडियर द्वय भूपेंद्र सिंह सहित जिले के स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और कृपालपुर परिवार उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल एवं अतिथियों ने जाखी के रमेश प्रताप सिंह द्वारा अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह पर रचित कृति (पुस्तक) का विमोचन किया। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अगस्त क्रांति 1942 में विंध्य के सपूत लाल पद्मधर सिंह ने राष्ट्रीय झण्डे और देश के अभिमान को झुकने नहीं दिया। उन्होंने अपने सीने में गोली खाकर स्वतंत्रता संग्राम में अपने प्राणों की आहुति देकर बलिदान कर दिया। उन्होंने अपने बलिदान से विंध्य की माटी को गौरवान्वित किया है। उनके योगदान और कृतित्व को आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा के लिए जीवंत रखना होगा। श्री शुक्ल ने कहा कि देश को स्वतंत्र हुए अभी 75 वर्ष ही हुए है। जबकि देश ने हजार वर्षों की गुलामी झेली है। वीर शहीदों का स्मरण ही नहीं इनकी पूजा की जानी चाहिए। इन्हीं के बलिदान से हम लोकतंत्र में और स्वतंत्र वातावरण में सांस ले रहे हैं। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ रहा है। अर्थव्यवस्था के मामले में विश्व के पांचवे स्थान पर है। स्वतंत्रता के सौवे वर्ष में भारत अर्थव्यवस्था के पहले पायदान पर होगा और फिर से एक बार भारत देश सोने की चिडिया होने का नाम सार्थक करेगा।
सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में लाल पद्मधर सिंह का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी गौरव गाथा हमेशा सबकी जुबान पर रहेगी। सांसद ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के महानायकों के जीवन वृत्त और कृतित्व को संकलित कर साहित्य का रूप देना चाहिए ताकि आने वाली पीढी उनसे प्रेरणा ले। उन्होंने कहा प्शासकीय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय सतना का नामकरण भी अमर शहीद के नाम किया गया है। इस महाविद्यालय को पीएम एक्सीलेंस कालेज भी बनाया गया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री एवं महाराज पुष्पराज सिंह ने कहा कि शहीदों से जुडे हुए किसी भी स्थल पर जाना चारों धाम की यात्रा की तरह होता है। विंध्य के सपूत लाल पद्मधर सिंह ने मात्र 27 वर्ष की आयु स्वतंत्रता संग्राम में प्राणों की आहुति देकर अपना जीवन धन्य किया है। यह हम सब के लिए गौरव और प्रेरणा की बात है। उन्होंने कहा कि युवा पीढी को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के विचारों को आत्मसात करना चाहिए और लक्ष्य प्राप्ति के लिए फोकस साधकर आगे बढ़ना चाहिए। लाल पद्मधर सिंह ने अपना बलिदान देकर भारत को स्वतंत्रता की दहलीज पर लाकर खड़ा किया था।

कार्यक्रम के प्रारंभ में उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने अमर शहीद लाल पद्मधर सिंह के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया और श्रृद्धा सुमन अर्पित किये।

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