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पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ का कहर: राज्यों में भूस्खलन से तबाही, अब तक 36 की मौत, 5.5 लाख लोग प्रभावित  पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति

सोमवार, 2 जून को भी गंभीर बनी रही। अब तक 36 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 5.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। असम में 11, अरुणाचल प्रदेश में 10, मेघालय में 6, मिजोरम में 5, सिक्किम में 3 और त्रिपुरा में 1 व्यक्ति की मौत हुई है।

असम में बाढ़ की स्थिति
असम के 19 जिलों में ब्रह्मपुत्र और बराक नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। कछार जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 1.03 लाख लोग संकट में हैं। राज्य में 3.64 लाख लोग प्रभावित हुए हैं और 15 नदियां उफान पर हैं। गुवाहाटी के निचले इलाकों में शहरी बाढ़ से जनजीवन प्रभावित हुआ है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात कर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

सिक्किम में भूस्खलन
सिक्किम के छतेन में एक सैन्य शिविर भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिसमें तीन सैनिकों की मौत हो गई और छह अन्य लापता हैं। यह घटना रविवार रात को हुई, जो गंगटोक से लगभग 120 किलोमीटर दूर चीन सीमा के पास स्थित है।

राहत और बचाव कार्य
भारतीय वायुसेना ने तिनसुकिया जिले से 14 लोगों को Mi-17 हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित बचाया है। मेघालय में सेना और NDRF की टीमें 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं। सिक्किम में एक हजार से अधिक पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने असम, मणिपुर, त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भारी बारिश और बिजली गिरने की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया है। ब्रह्मपुत्र सहित कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं, लेकिन आने वाले दिनों में और बारिश की संभावना ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है।

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