कुशवाहा समाज के भवन में निजी लाभ के लिए हास्टल चलाने का आरोप
कुशवाहा समाज के भवन को लेकर दो पक्षों में खींचतान

भोपाल। राजधानी के तुलसी नगर स्थित कुशवाहा भवन को लेकर समाज के दो धड़ों के बीच खींचतान चल रही है। सबसे अहम बात यह है कि कुशवाहा समाज के दो संगठन हैं और दोनों संगठनों के अलग-अलग अध्यक्ष हैं। इससे भी रोचक तथ्य है कि कुशवाहा भवन में ही आजू -बाजू में ही दोनों संगठनों के अध्यक्ष अपना -अपना दफ्तर बनाए हुए हैं और दोनों संगठन खुद को समाज का असली हितैषी साबित करने अपने दावे पेश कर रहे हैं। आज कुशवाहा समाज के एक संगठन के अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा ने अपना पक्ष रखते हुए समाज के ही दूसरे संगठन के अध्यक्ष पर कुशवाहा के लिए आवंटित भवन पर निजी लाभ के लिए गर्ल्स हास्टल चलाने का आरोप लगाया। योगेश मानसिंह ने दावा किया कि यह भवन उन्हें कानूनी तरीके से लीज पर मिल गया है लेकिन दूसरा पक्ष अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए है और करीब एक लाख रुपए प्रतिमाह किराया वसूला जा रहा है। योगेश मानसिंह ने कहा कि समाज की संपत्ति का उपयोग सामाजिक हित में ही किया जाना चाहिए।
योगेश मानसिंह कुशवाहा ने किए ये दावे –
योगेश मानसिंह ने दावा किया कि कुशवाहा समाज के लिए 1982-83 में उस समय समाज के अध्यक्ष द्वारा कुशवाहा समाज के भवन के लिए भूखंड के लिए तत्कालीन सरकार से प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मानपुर ने मांग की। और सन् 1993 में अंजलि कॉम्प्लेक्स सेकंड स्टॉप टी टी नगर में क्रमांक 16 भूखंड क्रमांक 2 पर 50×100-5000 वर्गफीट भूखंड म.प्र शासन द्वारा मध्य प्रदेश कुशवाहा समाज को आवंटित किया गया था और अध्यक्ष बाबूलाल मानपुर को सौंप दिया गया।
01 कुशवाहा मवन का निर्माण म. प्र शासन के द्वारा अनुदान एवं म.प्र कुशवाहा समाज के सामाजिक बंधुओं द्वारा सहयोग राशि इकट्ठा करके भवन बनाया गया।
02. 2011 तक समाज की स्थिति ठीक ना होने के चलते पट्टा बाबूलाल भानपुर ने तत्कालीन प्रांतीय कुशवाहा समाज मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा केंची छोला भोपाल ने समाज हित को ध्यान में रखते हुए समाज की आय बढ़ाने के लिएबैठक कर प्रस्ताव पास किया इस समिति ने 2011 में कोषाध्यक्ष खुशी लाल कुशवाहा,सचिव हरिशंकर पटेल, मंत्री सीताराम कुशवाहा जी की सहमति से 10 वर्षों के लिए भगतसिंह कुशवाहा एवं प्रवीण चित्रांश के साथ एक अनुबंध करके भवन को 30 हजार रुपएमहीने से किराए से दिया था, कुशवाहा भवन प्रदेश कार्यालय का संचालन भी वर्तमान प्रदेशअध्यक्ष द्वारा किया जा रहा था.
03. 5/2023 को वर्तमान प्रांतीय कुशवाहा समाज के प्रदेश अध्यक्ष योगेश मानसिंह कुशवाहा को सूचना प्राप्त हुई, कि भोपाल नगर निगम द्वारा ई टेंडर जारी हुआ जिसमें क्रमांक 33 नंबर पर म. प्र कुशवाहा भवन की नीलामी होने वाली है सूचना उपरांत भवन को लेकर कोर कमेटी की विशेष बैठक की गई और सर्व सहमति से प्रस्ताव पारित किया गया। कि निगम द्वारा जो शुल्क 2013 से 2023 तक बकाया शुल्क जमा करके टेंडर कैंसिल कराया जाए।
04. फिर कुछ दिन बाद न्यायालय तहसीलदार नजूल राजधानी परियोजना टी टी नगर भोपाल के द्वारा म.प्र कुशवाहा समाज के नाम से प्रदेश कार्यालय में पत्र प्राप्त हुआ पत्र उल्लेख की सन् 1993 से लेकर आज 2023 तक मध्य प्रदेश कुशवाहा भवन का लीज रेंट जमा नहीं किया गया है। शुल्क अगर जमा नहीं किया जाता तो लीज निरस्त की जाएगी। उसके बाद कोर कमेटी द्वारा निर्णय लिया गया कि भवन की लीज नवीनीकरण कराई जाए।
नियम अनुसार 6/2023 को एसडीएम के समक्ष मध्य प्रदेश कुशवाहा भवन की लीज नवीनीकरण हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया। शासन द्वारा विधि अनुसार लीगल डाक्यूमेंट्स अध्यक्ष होने के मांगे गए, जिसमें 2020 में अध्यक्ष का इलेक्शन द्वारा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ था, डाक्यूमेंट्स को प्रस्तुत करने के बाद विधिवत जो भी कार्रवाई होनी चाहिए थी शासन द्वारा हुई और 2024 में न्यायालय अपर तहसीलदार राजधानी परियोजना टी टी नगर भोपाल के द्वारा पत्र प्राप्त हुआ कि मवन की नवीनीकरण हेतु शुल्क जमा कर नजूल के पट्टे को प्राप्त करें। संस्था द्वारा शासन के आदेश अनुसार शुल्क जमा कर पट्टा प्राप्त किया। दूसरा पत्र प्राप्त हुआ उप पंजीयन कार्यालय में पंजीकृत करने हेतु जो की योगेश मानसिंह कुशवाहा ने अध्यक्ष होने के नाते किया।
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शासन द्वारा कुशवाहा समाज के सामाजिक व्यक्तियों के हित को देखते हुए 1993 पट्टा आवंटित किया गया था, क्योंकि बाबूलाल भानपुर तत्कालीन समय अध्यक्ष थे जब 2011 में किरायानामा बना उस समय प्रदेश अध्यक्ष नारायण सिंह कुशवाहा भोपाल थे इसलिए अनुबंध में विशेष सहमति का उल्लेख भी हैं। योगेश मानसिंह कुशवाहा का कहना है कि 2020 के इलेक्शन में प्रांतीय कुशवाहा समाज का मैं अध्यक्ष निर्वाचित हुआ तो मेरा दायित्व बनता है कि मैं समाज की संपत्ति की देखभाल करूं।