मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद कोर्ट ने एक्ट्रेस एवं पूर्व सांसद जया प्रदा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ा दी हैं। अभद्र टिप्पणी मामले में पूर्व सांसद बयान दर्ज कराने बुधवार को भी कोर्ट नहीं आईं। इसके बाद कोर्ट ने उनके खिलाफ एक बार फिर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया। वहीं, केस में चश्मदीद के बयान कराने को लेकर दिए गए वादी के प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने वादी पक्ष पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 30 सितंबर की तारीख तय की है। जया प्रदा पर की गई अभद्र टिप्पणी मामले में 5 साल पहले केस दर्ज किया गया था। इसकी सुनवाई विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रही है।
केस में पीड़िता जया प्रदा के बयान कोर्ट में दर्ज किए जाने हैं। इस मामले में तलब के आदेश के बाद भी जया प्रदा पेश नहीं हो रही हैं। बुधवार को भी कोर्ट की तारीख थी। हालांकि, कोर्ट में पेश न होने पर उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। इसके साथ ही केस में उनके पक्ष में गवाही के लिए चश्मदीद गवाह के तौर पर पिछली तारीख पर एक प्रार्थना पत्र कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद मजिस्ट्रेट एमपी सिंह ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया। विशेष लोक अभियोजक मोहनलाल विश्नोई ने बताया कि अभद्र टिप्पणी केस में जया प्रदा को कोर्ट में पेश होकर अपने बयान दर्ज कराने हैं। उनके कोर्ट में हाजिर न होने पर कोर्ट में बयान नहीं हो पा रहे हैं।
कोर्ट ने जारी किया एनबीडब्लू
जया प्रदा ने कोर्ट में हाजिर न होने एनबीडब्लू जारी कर दिया है। वहीं, वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता वैभव अग्रवाल की ओर से केस में चश्मदीद गवाह सैफउल्ला खान के बयान के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। इस पर बहस के बाद अदालत ने आज प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। समय की बर्बादी पर वादी पक्ष पर 500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वकील अभिषेक भटनागर का कहना है कि कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई के लिए 30 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है।