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रोहित ने किया टी-20 विश्व कप फाइनल के टर्निंग प्वाइंट का खुलासा 

सूर्यकुमार यादव का कैच आज भी फैंस के जेहन में है 

टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हरा दिया था. फाइनल में सूर्यकुमार यादव (Surya Kumar Yadav Catch) ने आखिरी ओवर में डेविड मिलर का बाउंड्री लाइन पर एक चौंकाने वाला कैच लपका था जिसने भारत को खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी. सूर्या के करिश्माई कैच को मैच का टर्निंग प्वाइंट माना जाता है. वहीं, अब टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने एक दिलचस्प खुलासा किया है. कपिल शर्मा के शो में रोहित ने बताया है कि सूर्या के कैच के अलावा एक और खिलाड़ी है जिसने मैच को पलटने का काम किया था.रोहित ने कहा कि, “एक समय हमें लग रहा था कि मैच हमारे हाथ से निकल सकता है. हम सबके चेहरे पर निराशा नजर आने लगी थी. टेशन तो थी. लेकिन उस समय कप्तान को मजबूत बने रहना होता है, कप्तान को भरोसा दिखाना होता है कि हम मैच में बने हुए हैं”रोहित ने आगे कहा, “उस समय जैसा मैच चल रहा था उस समय हम दबाव में आ रहे थे. जैसा विकेट चल रह था. उस समय दौरान कुछ भी हो सकता था. लेकिन हमें पूरा भरोसा था कि हम मैच को आखिर तक ले गए तो कुछ भी संभव हो सकता है. उनकी बैटिंग 7 नंबर तक थी. ऐसे में हमें क्लासेन और डेविड मिलर को आउट करना था. ” कप्तान रोहित ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, ” उन दोनों में से किसी एक को आउट करना काफी अहम था. लेकिन मैं बता दू्ं कि किसी को पता नहीं है कि जब साउथ अफ्रीका को 30 गेंद पर 30 रन चाहिए थे., उससे पहले एक छोटा सा ब्रक हो गया था. हमारे ऋषभ  ने थोड़ा सा दिमाग लगाकर गेम को कुछ समय के लिए रोक दिया था. पंत ने बहाना बनाय था कि उनके घुटने में कुछ दर्द हो रहा है उसने उस समय गेम को स्लो कर दिया था.”

पंत ने लगाया दिमाग और हमारा काम हो गया, रोहित ने कहा

भारतीय कप्तान रोहित शर्मा कहा, “उस समय ऐसा होता है कि जब फटाफट गेम चल रहा होता है तो बल्लेबाज चाहता है कि गेंदबाजी जल्दी-जल्दी हो. उस समय तक बल्लेबाज का रिदम बना हुआ था. हमें बल्लेबाजों का रिदम तोड़ना था. पंत ने ‘रणनीति’ बनाकर चोट का बहाना किया और कुछ समय के लिए गेम को स्लो कर दिया. यहां से फिर दोनों बल्लेबाजों का जो आत्मविश्वास था, उसमे कमी आई और फिर उसके बाद हार्दिक ने क्लासेन को आउट किया और बाद में आखिरी ओवर में मिलर का कैच सूर्या ने लिया. लेकिन मैं ये नहीं कहूंगा कि वो ही एक कारण हो सकता है लेकिन पंत के खास ‘रणनीति’ ने हमें बचा लिया था. पंत ने दिमाग लगाकर हमारा काम बना दिया था. बता दें कि फाइनल में भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी की थी और 7 विकेट पर 176 रन बनाए थे जिसके बाद साउथ अफ्रीकी टीम 20 ओवर में 169 रन ही बना सकी थी. भारतीय टीम 2007 के बाद दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब जीतने में सफल रही.

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