गायों को गुड़ की थुली खिलाई एवं परिक्रमा की बाद में वैष्णव जनों ने गाय की पूजा की
गोपाष्टमी उत्सव मनाया गया
भोपाल।गोपाष्टमी पुष्टिमार्ग में मनाया जाने वाला एक सुंदर उत्सव है क्योंकि आज ही के दिन प्रभु श्री कृष्ण प्रथम बार गौ चारण हेतु वन में पधारे थे तभी से उनका नाम गोपाल पड़ा
मंदिर में आज प्रभु श्रीनाथजी तिवारी में विराजमान हुए सुंदर पौधे एवं फूलों से सुशोभित किया आज प्रभु सफेद जरी के वस्त्र केसरिया फेटा सिर पर मुकुट पहनाई गई और प्रभु के सन्मुख बड़ी सोने डंडा रखा जिससे यह लीला प्रतीत होती है कि प्रभु गोचरण करने पधारे
और प्रभु की गौशाला से गायों को आंगन में लाया गया पहले मुखिया जी ने पूजन कर गायों को गुड़ की थुली खिलाई एवं परिक्रमा की बाद में वैष्णव जनों ने गाय की पूजा की फिर सभी वैष्णव जनों को गौ सेवा एवं सुरक्षा का संकल्प दिलाकर गोबर से बनी लकड़ी का महत्व और इस्तेमाल बताया गोबर से बने दीए भी गौशाला में जलाए गाय
रबड़ी का प्रसाद वितरण किया
मुखिया श्रीकांत शर्मा
श्री जी का मंदिर लखेरापूरा