एजुकेशनमध्य प्रदेश

निजी स्कूल संचालकों ने 40 हजार सुरक्षा निधि और 12 हजार नवीनीकरण फीस का किया विरोध

भोपाल, मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच के बैनर तले प्रदेश भर के निजी स्कूलों के संचालक अपनी मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री के आवास के सामने धरना दे रहे हैं। मध्य प्रदेश प्राइवेट स्कूल वेलफेयर संचालक मंच के शैलेश तिवारी और मोनू तोमर ने बताया कि सरकार द्वारा निःशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम की अनदेखी करते हुए नए मानता नियम बनाए गए हैं जिससे छोटे ,मध्यम निजी स्कूलों के बंद होने का खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि नए नियम में किराया नामा, सुरक्षा निधि एफडी 40000 और नवीनीकरण फीस 12000 निर्धारित किया गया है। इस नए नियम के चलते 10000 से 12000 स्कूल प्रभावित होंगे। ये स्कूल बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे, जिससे निशुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत अध्ययन कर रहे बच्चे, अन्य विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर है। इसके साथ ही छोटे और मध्यम स्कूलों में शिक्षण का कार्य कर रहे हजारों की संख्या में शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। तिवारी और तोमर ने कहा कि हम यहां धरने पर बैठे हैं और शिक्षा मंत्री  से 1 साल की मान्यता का आदेश लेकर ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले हम मुख्यमंत्री और राज्य शिक्षा केंद्र को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इसके अलावा निजी स्कूलों का प्रतिनिधिमंडल कई बार शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर चुका है।

महिला संचालक भी बैठीं धरने पर
मांगों को लेकर पुरुष निजी स्कूलों के संचालकों के साथ ही महिला स्कूल संचालकों ने स्कूल शिक्षा मंत्री के बंगले के सामने सड़क पर बैठ कर धरना दिया और नये नियमों को वापस लेने की मांग की।  धरना के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सैकड़ों की संख्या में निजी स्कूल संचालक मौजूद थे।

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