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टैक्स घटाकर भी राजस्व बढ़ा सकती है सरकार- गोविंद गोयल


भोपाल। मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव के नेतृत्व वाली सरकार ने बजट 2025-26 पेश किया है। इस बजट में डॉक्टर मोहन यादव सरकार ने टैक्स यानी करों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया है। प्रदेश के उद्योग जगत को स्थानीय टैक्स में राहत की उम्मीद थी। बजट को लेकर जानते हैं तन मन समूह के संस्थापक और सीईओ गोविंद गोयल की प्रतिक्रिया। गोविंद गोयल ने कहा कि प्रदेश में मंडी टैक्स और प्रॉपर्टी टैक्स लगते हैं इससे व्यवसायियों को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है ।सरकार टैक्स में कमी करके भी राजस्व बढ़ा सकती है । स्थानीय टैक्सों से निवेशक यहां निवेश करने से पीछे हटते हैं क्योंकि वे निवेश करने से पहले कई प्रकार का आंकलन करते हैं। मध्य प्रदेश में मंडी टैक्स सबसे बड़ी समस्या है यदि कोई उद्यमी महाराष्ट्र से लाकर दाल मध्य प्रदेश में बेचता है तो उसे करीब दो प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है जिससे लागत बढ़ जाती है और उद्यमियों को व्यवसाय में हानि होती है।

मध्यप्रदेश में देश भर में सबसे ज्यादा रजिस्ट्री पर टैक्स

गोविंद गोयल ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा आगे कि सरकार लाड़ली बहनों के लिए बीमा की बात कर रही वो पैसा कहां से आएगा। मध्यप्रदेश में जमीन या प्लाट की रजिस्ट्री पर लागत पूरे देश भर में सबसे ज्यादा है। रजिस्ट्री पर कुल मिलाकर 12.5 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। इसे कम किया जाना चाहिए। सरकार टैक्स घटाकर भी राजस्व बढ़ा सकती है। टैक्स कम होने पर व्यवसाय अधिक होगा। गोयल ने कहा कि इस बार शराब के ठेकों में 25 से 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रोसेसिंग उद्योग मंडी टैक्स की वजह से परेशान हैं। उद्यमियों को दोहरा मंडी टैक्स देना पड़ता है। पहला वो जिस राज्य से खरीदते हैं और फिर मध्यप्रदेश में भी टैक्स चुकाना पड़ता है। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए।

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