गाइडलाइन दरों के क्रियान्वयन को स्थगित किया जाए जब तक समस्त हितधारकों को क्लीन डेटा उपलब्ध न हो
पूर्व आवेदनों की निरंतरता में क्रेडाई भोपाल ने दोबारा उठाई पारदर्शिता और स्थगन की मांग

भोपाल, 22 मार्च । भोपाल संभाग में प्रस्तावित कलेक्टर गाइडलाइन दरों में असमान्य वृद्धि के विरोध में, क्रेडाई भोपाल ने आज पुनः प्रभारी मंत्री चैतन्य कश्यप एवं विधायक भगवान दास सबनानी को पत्र सौंपकर गाइडलाइन के क्रियान्वयन को स्थगित करने तथा प्रस्तावित उपबंधों को निरस्त करने का आग्रह किया।यह पत्र 17 मार्च को प्रस्तुत किए गए विस्तृत प्रतिवेदन की निरंतरता में दिया गया, जिसमें गाइडलाइन दरों के निर्धारण में पारदर्शिता, तुलनात्मक डेटा की सार्वजनिक उपलब्धता, और स्वतंत्र समीक्षा समिति के गठन की मांगें प्रमुख थीं।क्रेडाई ने स्पष्ट किया कि प्रभारी मंत्री द्वारा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने के बावजूद, अब तक न तो वर्षवार क्लीन डेटा उपलब्ध कराया गया है और न ही संपदा पोर्टल या वेबसाइट पर स्पष्ट जानकारी नागरिकों को सुलभ कराई गई है।आज दिनांक 22 मार्च को आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि है, किंतु प्रक्रिया की अपारदर्शिता और सूचनाओं के अभाव में प्रभावी आपत्ति दर्ज कर पाना भी संभव नहीं हो पा रहा।
क्रेडाई की प्रमुख माँगें यथावत हैं:
1. गाइडलाइन दरों के क्रियान्वयन को स्थगित किया जाए जब तक समस्त हितधारकों को क्लीन डेटा उपलब्ध न हो।
2. दर निर्धारण प्रक्रिया को संवादात्मक, तथ्यपरक एवं पारदर्शी बनाया जाए।
3. सभी लागू उपबंधों को शीघ्र निरस्त किया जाए।
क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा कि “गाइडलाइन दरों की यह असंतुलित और अपारदर्शी वृद्धि केवल शहरी विकास ही नहीं, बल्कि आम नागरिक, किसान, उद्योग, व्यापारी और पूरे शहरी अर्थतंत्र के हितों पर सीधा आघात है। जब तक वैज्ञानिक विश्लेषण, क्लीन डेटा और संवाद आधारित प्रक्रिया सुनिश्चित नहीं होती, तब तक किसी भी प्रकार की दर वृद्धि लोकहित के विरुद्ध है। क्रेडाई भोपाल पारदर्शिता, न्याय और समावेशी विकास की माँग कर रही है – यह किसी एक वर्ग नहीं, पूरे समाज की आवाज़ है। सरकार से हमारी अपेक्षा है कि वह आंकड़ों की रोशनी में, जनभागीदारी के साथ, न्यायसंगत निर्णय ले।”