एससी -एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर के खिलाफ सौंपा ज्ञापन
राजधानी में शांतिपूर्ण तरीके से किया भारत बंद का समर्थन

भोपाल। एससी-एसटी संगठनों द्वारा भारत बंद का राजधानी में आंशिक असर रहा। भोपाल के एमपी नगर स्थित बोर्ड आॅफिस चौराहे पर दोपहर 12 बजे डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के सामने एससी संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए और एससी-एसटी आरक्षण में कोटे में कोटा का विरोध किया। संगठनों द्वारा राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन भी सौंपा गया। अनुसूचित जाति वर्ग के पदाधिकारी दिलीप मस्के और अजय नारनवरे ने कहा कि 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एससी -एसटी आरक्षण में कोटे में कोटा पर जो निर्देश दिया है वह केन्द्र सरकार के इशारे पर किया गया है। मस्के ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार एससी-एसटी वर्ग को बांटना चाह रही है. कोटे में कोटा कहां का न्याय है। एससी एसटी समाज को जातियों में बांटकर दूसरों वर्गों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। मस्के ने कहा कि हमने आज शांतिपूर्वक ज्ञापन दिया है यदि सरकार कोटे में कोटा को समाप्त नहीं करती है तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एससी आरक्षण में कोटा लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ बुधवार को दलित-आदिवासी संगठनों ने 14 घंटे का भारत बंद बुलाया है। 9 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अनुसूचित जाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू नहीं किया जाएगा। 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने टिप्पणी की थी कि एसी-एसटी में भी क्रीमी लेयर लागू करने पर विचार करना चाहिए। इसे लेकर दलित सांसदों ने पीएम से मिलकर अपनी चिंता जताई थी।
बसपा ने किया विरोध
बहुजन समाज पार्टी भोपाल इकाई के अध्यक्ष जितेन्द्र मकवाना भी भारत बंद के दौरान बोर्ड आॅफिस चौराहे पर मौजूद रहे. मकवाना ने कहा कि 1 अगस्त को शीर्ष अदालत द्वारा दिए गये निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए अध्यादेश जारी किया जाए. उन्होंने कहा कि अध्यादेश के द्वारा देश के करोड़ों शोषित एससी एसटी वर्गों के संवैधानिक अधिकार आरक्षण को खत्म होने से बचाया जा सकता है।