कोलकाता रेप-मर्डर केस-सरकार ने अस्पताल के 3 अफसरों को हटाया
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में बुधवार, 21 अगस्त को देशभर में प्रदर्शन हुए। कोलकाता में राधागोविंद कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर्स-छात्रों ने भी विरोध मार्च निकाला। यह मार्च CBI कार्यालय तक गया। इसमें पूर्व क्रिकेटर सौरभ गांगुली, पत्नी डोना और बेटी सना के साथ शामिल हुए। उधर, राज्य सरकार ने अस्पताल की प्रिंसिपल, सुपरिंटेंडेंट और चेस्ट विभाग के नए एचओडी को हटा दिया। प्रदर्शनकारी इन अधिकारियों को हटाने की मांग कर रहे थे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवार को न्याय दिलाने की बात भी कही। वहीं, दोपहर में सरकार ने 2 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर समेत 3 अधिकारियों को सस्पेंड किया। 15 अगस्त को देर रात आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हजारों की भीड़ ने तोड़फोड़ की थी। ये कार्रवाई उसी मामले में की गई।
मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा CISF को सौंपी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा CISF ने अपने हाथ में ली है। CISF के अधिकारी बुधवार को अस्पताल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कोर्ट ने अस्पताल में तोड़फोड़ के बाद CISF को सुरक्षा संभालने का निर्देश दिया था। उधर, अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट अख्तर अली ने कलकत्ता हाईकोर्ट में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ याचिका लगाई है। अली ने घोष पर कार्यकाल के दौरान वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है और ED से जांच कराने की मांग की है। इस मामले में राज्य सरकार कल सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देगी।
कलकत्ता हाईकोर्ट में 4 सितंबर को सुनवाई होगी
रेप-मर्डर केस में बुधवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष की जांच के लिए SIT बनाई है। यह उन्हें बचाने के लिए एक दिखावा है। हालांकि कोर्ट ने कहा, हम इस मामले को अब 4 सितंबर को सुनेंगे। उधर बंगाल सरकार ने मामले से जुड़ी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने की बात कही। इस पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने कहा, मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है। रिपोर्ट अपने पास रखिए इसे सुप्रीम कोर्ट में दिखाइए। हाईकोर्ट में पिछली सुनवाई 16 अगस्त को हुई थी। तब चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम ने राज्य सरकार और पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि अस्पताल में तोड़फोड़ के लिए 7 हजार की भीड़ आई थी। पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस खुद को नहीं बचा पा रही, तो डॉक्टर निडर होकर कैसे काम करेंगे।