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जयपुर में मोबाइल ने ली 22 साल की लड़की निकिता सिंह की जान

मोबाइल फोन की लत से रिश्ते और जीवन बर्बाद होने का ताजा उदाहरण

जयपुर: मोबाइल फोन को लेकर बच्चे एडिक्ट होते जा रहे हैं। यह तो सबने सुना है लेकिन क्या युवाओं को भी मोबाइल की ऐसी लत है कि वे उसके लिए आपा खो बैठते हैं। जयपुर कमिश्नरेट के बिंदायका में एक हैरानजनक वारदात हुई। एक मां ने अपने जवान बेटी को मोबाइल चलाने से रोका तो वह आपा खो बैठी। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाली लड़की का मोबाइल मां ने छिपा दिया था। इसके बाद मां-बेटी में हाथापाई हुई। सिर में गंभीर चोट लगने से बेटी की मौत हो गई।

सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई बेहोश

घटना मुंडिया रामसर गांव के पास मारुति नगर की है जो कि जयपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाली 22 वर्षीय निकिता सिंह सोमवार दोपहर को अपना मोबाइल ढूंढ़ रही थी। इसी दौरान मां से बहस हो गई क्योंकि निकिता की मां सीता ने कहा कि वह बार बार मोबाइल देखने के बजाय पढ़ाई पर ध्यान दे। निकिता की मां सीता ने मोबाइल छिपा दिया था। इसके बाद निकिता आपा खो बैठी और मां से झगड़ पड़ी। मां बेटी में हुए झगड़े के दौरान सिर में गंभीर चोट लगने के कारण वह बेहोश हो गई।

घरेलू झगड़े में बेटी की मौत पर परिवार सदमे में

निकिता सिंह के बेहोश होने पर मां सीता देवी घबरा गई। उन्होंने अपने पति यानी नितिका के पति ब्रजेश सिंह को कॉल करके घटना की जानकारी दी। ब्रजेश सिंह घर पहुंचे और बेटी को बेहोश देखकर 108 एम्बुलेंस को कॉल किया। एम्बुलेंस के जरिए निकिता को सवाई मानसिंह अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने नितिका को मृत घोषित कर दिया। निकिता की मौत से माता-पिता हैरान रह गए। मामूली झगड़े से उनकी बेटी सदा के लिए चली गई।

पुलिस ने अपनी ओर से दर्ज किया हत्या का केस

नितिका की मौत के बाद परिवार वाले कानून पचड़े में नहीं पड़ना चाहते थे। आपसी घरेलू मामला होने की वजह से निकिता के माता-पिता ने पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई और ना ही मृग रिपोर्ट दर्ज कराई। चूंकि यह मामला हत्या का था। ऐसे में बिंदायका पुलिस ने अपनी ओर से केस दर्ज किया। एसएचओ की ओर से दर्ज किए गए इस मामले की जांच एसीपी बगरू को सौंपी गई है।

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