चेन्नई के मरीना एयर फील्ड में हुए एयर शो के दौरान हुए हादसे के बाद तमिलनाडु सरकार और स्थानीय प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। एयर शो के दौरान दम घुटने से पांच लोगों की मौत पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। विपक्षी दलों भाजपा और अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) ने सत्तारूढ़ डीएमके सरकार की कड़ी आलोचना की। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के प्रशासन पर कुप्रबंधन और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया। बता दें, भारतीय वायुसेना के एयर शो के दौरान 200 से ज्यादा लोगों की गर्मी के चलते तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। दावा यह भी किया गया कि एक व्यक्ति की मौत हीट स्ट्रोक के चलते हुई। बढ़ती आलोचना के बीच स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने राज्य सरकार का बचाव किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि तमिलनाडु सरकार ने वायुसेना द्वारा शुरू में किए गए अनुरोध से अधिक सुविधा उपलब्ध कराई थी।
वायु सेना ने किया था आयोजन
बता दें कि भारतीय वायु सेना ने आठ अक्तूबर को आगामी 92वें वायु सेना दिवस से पहले रविवार को चेन्नई के मरीना बीच पर एयर शो का आयोजन किया था। एयर एडवेंचर शो में लड़ाकू विमान सुखोई Su-30MKI और सारंग हेलीकॉप्टर ने हिस्सा लिया। इसे देखने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन, एयर चीफ मार्शल एपी सिंह और बड़ी संख्या में दर्शक एकत्र हुए।
230 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया
21 साल में पहली बार चेन्नई ने वायुसेना दिवस समारोह की मेजबानी की थी। उमस भरी गर्मी के बीच करीब 15 लाख लोग एयर शो देखने पहुंचे थे। इसी कारण एयर शो खत्म होने के बाद भीषण गर्मी के चलते कई लोग बेहोश हो गए। इन लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया। कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 230 अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया। लोगों को भीड़भाड़, यातायात की भीड़ और भीषण गर्मी के बीच अपर्याप्त बुनियादी सुविधाओं का सामना करना पड़ा।
विभागीय स्तर पर कई बैठकें की गई थीं: स्वास्थ्य मंत्री
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने चेन्नई में भारतीय वायु सेना एयर शो के सफल आयोजन को सुनिश्चित करने के लिए पूरा प्रशासनिक सहयोग दिया। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक हुई थी ताकि कार्यक्रम की उचित योजना बनाई जा सके तथा इसे अंजाम दिया जा सके। इसके बाद विभागीय स्तर पर कई अतिरिक्त बैठकें आयोजित की गई थीं।
40 एंबुलेंस तैनात थीं
स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार, इन चर्चाओं के दौरान भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा रखे गए अनुरोधों के आधार पर सभी व्यवस्थाएं की गई थीं। राज्य सरकार ने कार्यक्रम स्थल पर दो स्वास्थ्य टीमें भी तैनात कीं, जिनमें से प्रत्येक में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और नर्स शामिल थे। इसके अलावा, भारतीय सेना ने समर्थन के लिए चिकित्सा टीमों का गठन किया। आपातकालीन चिकित्सा सहायता देने के लिए कार्यक्रम में 40 एंबुलेंस तैनात की गई थीं। साथ ही पर्याप्त पैरामेडिकल टीमें भी स्टैंडबाय पर थीं।
इन अस्पतालों को अलर्ट पर रखा था
उन्होंने कहा कि किसी भी आपत स्थिति से निपटने के लिए, राजीव गांधी सरकारी जनरल अस्पताल सहित सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को 100 बेड और 65 डॉक्टरों के साथ तैयार रहने को कहा गया था।