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चेन्नई में 7-दिवसीय राष्ट्रीय अनुवाद कार्यशाला आयोजित, डाॅ. रामनिवास ‘मानव’ ने की सहभागिता, मिला अनूठा सम्मान

नारनौल (डॉ.सत्यवान सौरभ) शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था सीआईसीटी, चेन्नई (तमिलनाडु) द्वारा राष्ट्रीय अनुवाद कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें अंग्रेजी, नेपाली, संस्कृत, हिंदी, उर्दू, उड़िया, तमिल, कन्नड़, कश्मीरी, डोगरी, राजस्थानी, ढूंढाड़ी, अवधी, बघेली, ब्रज, कच्छी आदि भारतीय भाषाओं और बाईस राज्यों के लगभग तीन दर्जन प्रमुख विद्वानों और अनुवादकों ने भाग लिया। महान तमिल कवि तिरुवल्लुवर द्वारा रचित और तमिल वेद कहे जाने वाले ‘तिरुक्कुरल’ ग्रंथ पर केंद्रित इस भव्य 7-दिवसीय संगोष्ठी में हरियाणवी भाषा-विशेषज्ञ के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद् डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने सहभागिता की तथा ‘तिरुवल्लुवर द्वारा रचित ‘तिरुक्कुरल’ : परिचय, प्रतिपाद्य एवं प्रदेय’ विषय पर शोध-पत्र प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डॉ. ‘मानव’ ने, हरियाणवी भाषा के स्वरूप और स्थिति की चर्चा करते हुए, शब्द और उच्चारण साम्य के आधार पर तमिल से उसकी तुलना की। कार्यशाला के अंत में सीआईसीटी के निदेशक डॉ. आर. चंद्रशेखरन, कुलसचिव डॉ. आर. भुवनेश्वरी, आयोजक डॉ. अलगुमुथू वी. और भाषा-समन्वयक डॉ. एम. गोविंद राजन द्वारा डॉ. ‘मानव’ को प्रमाण-पत्र, तिरुवल्लुवर की प्रतिमा और साहित्य तथा अन्य सम्मान-प्रतीक भेंटकर सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि इस दौरान सभी संभागी विद्वानों को तमिलनाडु के चेन्नई, महाबलीपुरम और कांचीपुरम स्थित अनेक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों की दो-दिवसीय यात्रा भी करवाई गई।

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