जय जय गुरुदेव के जयकारों के साथ की आचार्य विनम्र सागर की भव्य अगवानी
आर्यिका विमल श्री माताजी ने सा संघ ने की आचार्य श्री की परिक्रमा,,उमड़ा श्रद्धा भक्ति आस्था का अभूतपूर्व संगम भोपाल। राजधानी में चातुर्मास उपरांत मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान विधान हो रहे हे शंकरा चार्य नगर जैन मंदिर में आचार्य विनम्र सागरजी महराज सा संघ के सान्निध्य में 21 नवंबर से 1दिसंबर तक कल्पद्रम महा मंडल विधान भव्य अनुष्ठान होना हे इसके लिए आचार्य श्री विनम्र सागरजी पद विहार कर शंकराचार्य नगर जिनालय पधारे यहां आर्यिका विमल मति माताजी ने भाव विभोर होकर सा संघ ने परिक्रमा कर आचार्य संघ की भव्य अगवानी की,, ,, प्रवक्ता अंशुल जैन ने बताया प्रातः पद विहार कर आचार्य संघ झिरनों जिनालय से शोभा यात्रा के साथ केसरिया ध्वज पताकाओं के तले भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था,, महिला मंडल मस्तक पर मंगल कलश को धारण कर मंगल गीत गा रही थीं,, बालिका मंडल भक्ति नृत्य के साथ अगवानी कर रही थी,, पाठशाला परिवार धरम ध्वजा थामे नमोस्तु नमोस्तु के स्वर गूंज रहे थे,,,, दिव्य घोष के युवा जय अरहन्त जय जिनेंद्र के जयकारों के साथ भक्ति प्रकट कर रहे थे,,, शोभा यात्रा की विशेष बात रही शंकराचार्य नगर महिला मंडल द्वारा पूरे मार्ग को रंगोली से सजाया गया,, ,, जिनालय मे आकर आचार्य संघ ने मूल नायक भगवान पार्श नाथ के दर्शन किए तत्पश्चात धरम सभा में प्राची दीदी ने मंगलाचरण किया आशीष वचन मे आचार्य श्री ने कहा धार्मिक अनुष्ठान जीवन में नया बदलाव लाते हे आर्यिका विमल श्री माताजी ने कहा पुण्य के सुखद अवसर से ही धार्मिक अनुष्ठान और क्रियाओं के करने का सौभाग्य प्राप्त होता हे उन्होंने कहा जीवन b or d अर्थात बर्थ ओर डेथ पर चलता हे,, b ओर d के बीच c आता है c मतलब च्वाइस ओर चांस आज हम सभी को चांस मौका मिला है,, प्रभु के समव शरण में बैठकर प्रभु के अनंत गुणों की आराधना करे समिति के महा मंत्री सुरेश जैन समरधा ने बताया अनुष्ठान के प्रमुख पात्रों का चयन भी। हुआ जिसमें बाग़मल संजय जैन चक्रवती सुनील जैन अरिहंत सो धर्म इंद्र ओर। ऋषभ योगेश जेन को कुबेर बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ ,, *अंशुल जैन मीडिया प्रभारी*