


नवी मुंबई : भारत ने शेफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा के हरफनमौला खेल से रविवार को यहां महिला आईसीसी वनडे विश्व कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रन से हराकर पहली बार इस खिताब को जीत कर इतिहास रच दिया। शेफाली ने पारी का आगाज करते हुए 78 गेंद में 87 रन की आक्रामक पारी खेलने के बाद अपनी स्पिन गेंदबाजी से सुने लुस और मारिजान काप (चार) जैसी अनुभवी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई तो वहीं बीच के ओवरों में विकेटों के पतन के बीच 58 गेंद में 58 रन का योगदान देने वाली दीप्ति ने लगातार दूसरे मैच में शतक जड़ने वाली दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट (101) सहित पांच विकेट झटकर मैच का पासा पलट दिया।
भारत ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर सात विकेट पर 298 रन बनाने के बाद दक्षिण अफ्रीका को 246 रन पर रोककर इस टूर्नामेंट के इतिहास में 52 साल के सूखे को खत्म किया। वोल्वार्ड्ट 41वें ओवर तक एक छोर से डटी रही लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट के पतन से जरूरी रनगति बढ़ने से दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों पर दबाव हावी हो गया। दीप्ति की गेंद पर जैसे ही हरमनप्रीत ने नाडिन डि क्लार्क (18) का कैच पकड़ा वैसे ही दर्शकों की नीली जर्सी के समंदर से पटे स्टेडियम में खुशी की लहर दौड़ गयी। भारतीय खिलाड़ियों ने भावनाओं पर काबू रखने की कोशिश की लेकिन पूरा स्टेडियम जब ‘वंदेमातरम, मां तुझे सलाम और लहरा दो सरकशी का परचम लहरा दो’.. गाने को एक सुर में गाना शुरू किया तो यहां मौजूद किसी के लिए भी भावनाओं को काबू में रखना मुश्किल था।
स्टेडियम में मौजूद पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और वीवीएस लक्ष्मण भी भारतीय तिरंगे को लहराते दिखे। शानदार लय में चल रही सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने से टीम में आई शेफाली ने कहा था कि शायद भागवन ने उनके लिए कुछ अच्छी योजना बनाई है। उन्होने सेमीफाइनल में कम स्कोर की निराशा को पीछे छोड़ते हुए फाइनल में इसे सही साबित किया तो वहीं दीप्ति ने भी टूर्नामेंट में 22 विकेट लेने के साथ 200 से अधिक रन बनाकर नया रिकॉर्ड कायम किया। भारत के लिए सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना (58 गेंद में 45) और विकेटकीपर रिचा घोष (24 गेंद में 34 रन) ने अहम योगदान दिए।
दक्षिण अफ्रीका ने लक्ष्य का पीछा सधे हुए अंदाज में शुरू किया, ताजमिन ब्रिट्स (35 गेंद में 23 रन) ने क्रांति गौड़ के खिलाफ चौके से हाथ खोलने के बाद रेणुका सिंह की गेंद पर छक्का जड दिया। लौरा वोल्वार्ड्ट आठवें ओवर में गेंदबाजी के लिए आयी अमनजोत कौर के खिलाफ लगातार गेंदों पर चौके के साथ पिछले मैच की शानदार पारी को आगे बढ़ना जारी रखा। ब्रिट्स ने अगले ओवर में दीप्ति पर चौके साथ पहले विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी पूरी लेकिन ब्रिट्स रन चुराने की कोशिश में अमनजोत के शानदार थ्रो पर रन आउट हो गयी। सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 169 रन की शानदार पारी खेलने वाली वोलवार्ड्ट ने दीप्ति के खिलाफ छक्का जड़ आक्रामक तेवर दिखाये।
श्री चरणी ने अपने पहले ही ओवर में ऐनेक बॉश को पगबाधा कर दक्षिण अफ्रीका को दूसरा झटका दिया। सुने लुस ने दूसरे छोर से राधा के खिलाफ लगातार दो चौके लगाये वोल्वार्ड्ट के खिलाफ अर्धशतकीय साझेदारी पूरी की लेकिन शेफाली ने गेंद से जादू बिखरते हुए अपने शुरुआती दो ओवरों में लुस और काप को आउट कर भारत का बड़ी सफलता दिलाई। उन्होंने अपनी गेंद पर लुस का कैच लपकने के बाद काप को विकेट के पीछे रिचा घोष के हाथों कैच करवाया। भारतीय गेंदबाजों ने इसके बाद शिकंजा कसना शुरू किया जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 22वें से 29वें ओवर तक सिर्फ 25 रन बनाये और इसका फायदा 30वें ओवर में दीप्ति शर्मा को मिला जिन्होंने सिनालो जाफ्ता (16) को राधा के हाथों कैच कराया। एनेरी डर्कसन ने राधा की नोबॉल पर छक्का लगाने के बाद फ्री हिट पर भी गेंद को दर्शको के पास भेजकर 32वें ओवर से 17 रन बटोर कर दबाव कम कर दिया।
दीप्ति ने 36वें ओवर में रेणुका की गेंद पर डर्कसन का आसान कैच टपकाकर जीवनदान दिया लेकिन उन्होंने इस बल्लेबाज को 40वें ओवर बोल्ड कर छठे विकेट के लिए 61 रन की साझेदारी को तोड़कर ज्यादा नुकसान होने से बचा लिया। वोल्वार्डट ने इसी ओवर में एक रन चुराकर लगातार दूसरे मैच में अपना शतक पूरा किया। उन्होंने अपने अगले ओवर में वोल्वार्ड्ट को अमनजोत के हाथों कैच करा कर मैच में भारत का शिकंजा कस दिया। भारत के खिलाफ लीग मैच में नाबाद 84 रन की पारी खेलने वाली डि क्लार्क ने एक बार फिर आक्रामक तेवर दिखाने शुरू किये थे लेकिन दूसरे छोर से उन्होंने किसी का साथ नहीं मिला और उनके आउट होते ही भारत ने खिताबी सूखे को खत्म किया।
बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर शेफाली ने मंधाना के साथ पहले विकेट के लिए शतकीय (106 गेंद में 104 रन) और जेमिमा रोड्रिग्स (37 गेंद में 24 रन) के साथ दूसरे विकेट के लिए 62 गेंद में 62 रन की साझेदारी कर टीम को शानदार शुरुआत दिलाई लेकिन दक्षिण अफ्रीका ने धीमी होती पिच पर बीच के ओवरों में कसी हुई गेंदबाजी से भारत को 300 रन से अंदर रोक दिया। चोटिल सलामी बल्लेबाज प्रतिका रावल की जगह टीम में आयी शेफाली की इससे पहले सर्वश्रेष्ठ पारी श्रीलंका के खिलाफ 2022 में 71 रन की थी। उन्होंने 21वें ओवर में सुने लुस की गेंद पर ऐनेक बॉश से मिले जीवनदान का फायदा उठाते हुए सात चौके और दो छक्के लगाये। भारतीय टीम 26वें ओवर के बाद लगातार अंतराल पर विकेट गंवाते रही जिससे टीम शानदार शुरूआत के बावजूद रन गति को तेज करने में नाकाम रही।
दीप्ति शर्मा इस दौरान वनडे विश्व कप में 15 विकेट और 200 रन पूरे करने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी। उन्होंने अपनी पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया जबकि रिचा ने आक्रामक बल्लेबाजी करते हुए तीन चौके और दो छक्के जड़े। दक्षिण अफ्रीका के लिए आयोबोंगा खाका सबसे सफल गेंदबाज रही। उन्होंने 58 रन देकर तीन विकेट लिये। भारत ने शुरुआती 10 ओवर में बिना किसी नुकसान के 64 रन के साथ इस विश्व कप में पावरप्ले का अपना सर्वोच्च स्कोर बनाया। पावरप्ले के बाद भारत की रनगति पर थोड़ा अंकुश लगा लेकिन नाडिन डि क्लार्क (52 रन पर एक विकेट) की गेंद पर शेफाली ने अपनी पारी का पहला छक्का जड़ दबाव कम किया।
मंधाना ने 18वें ओवर में क्लो ट्रायोन की गेंद पर चौके से साथ पहले विकेट के लिए 104 गेंद में शतकीय साझेदारी पूरी की। वह हालांकि इसी ओवर में दो गेंद बाद ही विकेटकीपर सिनालो जाफ्ता को कैच देकर पवेलियन लौट गयी। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विजयी गाथा लिखने वाली का स्वागत दर्शकों ने शोर मचाकर किया। शेफाली ने इसी ओवर में एक रन चुराकर लगभग तीन साल के अंतराल पर वनडे में अपना पहला अर्धशतक पूरा करने के बाद 25वें ओवर में लुस की गेंद पर उनके सिर के ऊपर से पारी का दूसरा छक्का लगाकर टीम के स्कोर को 150 रन पर पहुंचा दिया।
पारी की शुरुआत में तीन ओवर में 29 रन लुटाने वाली खाका ने इसके बाद लगातार दो ओवरों में शेफाली और जेमिमा को चलता कर मैच में दक्षिण अफ्रीका की वापसी की कोशिश की। शेफाली ने कवर क्षेत्र में लुस को आसान कैच दिया तो वहीं जेमिमा के करारे प्रहार पर वोल्वार्ड्ट ने शानदार कैच लपका। कप्तान हरमनप्रीत कौर (29 गेंद में 20 रन) और दीप्ति ने इसके बाद सतर्कता बरती जिससे भारत ने 27वें से 32वें ओवर के बीच 17 रन ही बटोरे। दीप्ति ने काप के खिलाफ टूर्नामेंट का पहला छक्का जड़कर रनगति को पटरी पर लाने की कोशिश लेकिन म्लाबा ने हरमनप्रीत को बोल्ड कर खतरनाक होती इस साझेदारी को तोड़ा।
अमनजोत कौर (14 गेंद में 12 रन) डि क्लार्क की गेंद पर उन्हीं को कैच देकर पवेलियन लौटी तो वहीं रिचा ने क्रीज पर आते ही छक्का लगाकर खाता खोला जिससे टीम ने 44वें ओवर में 250 रन पार कर लिये। रिचा ने इसके बाद खाका, डि क्लार्क और म्लाबा के खिलाफ लगातार ओवरों में चौके जड़ने के बाद काप की गेंद को दर्शकों के पास भेजा तो वहीं दीप्ति ने 48वें ओवर में 53 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। रिचा अगले ओवर में खाका का तीसरा शिकार बन गयी। इससे पहले बारिश के कारण मैच दो घंटे देर से शुरू हुआ लेकिन ओवरों में कटौती नहीं की गयी।


