
नई दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार ने आज यानी बुधवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को लेकर बड़ा फैसला लिया. केंद्रीय कैबिनेट ने स्मॉल डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए 1,500 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन योजना को हरी झंडी दिखाई. यह योजना UPI इकोसिस्टम में शामिल कई हिस्सेदारों की लागत को कम करने के मकसद से लागू की जा रही है. यह स्कीम छोटे व्यापारियों के लिए है जो 2,000 रुपये तक के ट्रांजैक्शन करते हैं.इस स्कीम के तहत छोटे व्यापारी को हर ट्रांजैक्शन पर 0.15% की दर से प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा. इस स्कीम को नई फाइनेंशियल ईयर यानी 1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025 तक के लिए लागू किया जाएगा. हालांकि, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बाद में यह स्पष्ट किया कि यह स्कीम अगले साल भी जारी रहेगी.
इस स्कीम से यूजर्स के लिए डिजिटल पेमेंट और भी आसान और सस्ता बनेगा. अब ग्राहक अपनी छोटी-मोटी खरीदारी जैसे की चाय, किराना सामान या अन्य डेली यूज के प्रोडक्ट्स बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के UPI के जरिए कर सकेंगे. छोटे व्यापारियों के लिए यह प्रोत्साहन डिजिटल पेमेंट को अपनाने में मदद करेगा, जिससे वे अपना बिजनेस आगे बढ़ा सकेंगे.
कैसे काम करेगी योजना?
इस स्कीम में UPI ट्रांजैक्शन पर कोई भी मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) चार्ज नहीं वसूला जाएगा.2000 रुपये से कम का लेन-देन करने वाले व्यापारियों को हर ट्रांजैक्शन पर 0.15% का प्रोत्साहन मिलेगा. हालांकि, बड़े व्यापारियों को कोई लाभ नहीं मिलेगा. बता दें कि इस योजना के तहत 80% प्रोत्साहन राशि हर तिमाही में बैंकों को जल्दी से दी जाएगी. बाकी 20% राशि केवल तभी दी जाएगी जब बैंक हाई सर्विस स्टैंडर्ड को बनाए रखें. इसमें टेक्निकल ग्लिच रेट 0.75% से कम हो और बैंक की सिस्टम अपटाइम 99.5% से अधिक हो.