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गुजरात में नदी के किनारे बनाई जा रही थी शराब,IAS ऑफिसर ने दबे पांच जाकर रंगे हाथों पकड़ा-वीडियो

अहमदाबाद/वडोदरा: गुजरात में शराबबंदी के बाद भी शराब पकड़े जाने की घटनाएं अक्सर सुर्खियों में आती है लेकिन वडोदरा में एक हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। शहर के बीच से होकर निकलने वाले विश्वामित्री के किनारे पर ही देशी शराब की फैक्ट्री चल रही थी। जब इसकी सूचना वडोदरा नगर निगम के आयुक्त आईएएस दिलीप राणा को लगी तो राणा ने पुलिस ऑफिसर के अंदाज में रेड मारी और देश शराब उतारते हुए आरोपी को रंगे हाथों पकड़ा।

रेड की कराई वीडियोग्राफी
राणा ने अपने स्टॉफ से इस पूरी घटना को वीडियोग्राफी भी कराई ताकि आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। निगम आयुक्त द्वारा शराब की फैक्ट्री पकड़ने के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर निगम क्षेत्र जिस शहरी क्षेत्र माना जाता है। वहां पर शराब कैसे उतारी जा रही थी? इसकी भनक पुलिस को क्यों नहीं लगी? राणा के द्वारा इस शराब फैक्ट्री को पकड़े जाने के बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट करते हुए पूरे सामान को जब्त किया है।

पीसीबी ने लिया एक्शन
वडोदरा पुलिस की एसओजी ने खुलासे के बाद इस पूरे मामले में कार्रवाई की है। पुलिस ने विक्रम खोड़ सिंह ठाकोर को पकड़ा है। वह वडोदरा में वडसर में रह रहा था। पुलिस के उसके पास तीन बैरेल शराब जब्त की। नौ खाली ड्रम के साथ दूसरा सामान जब्त किया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मांजलपुर पुलिस स्टेशन में प्रोबिहिशन का मुकदमा दर्ज किया है। पीसीबी इंस्पेक्टर सीबी टंडेल के अनुसार कुल तीन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दो अन्य आरोपी फरार हैं। उनको भी अरेस्ट किया जाएगा।

गुजरात में शुरुआत से शराबबंदी
गुजरात राज्य की स्थापना से ही शराबबंदी है। राज्य में शराब बेचने और पीने पर पूरी तरह से पाबंदी है। राज्य में सिर्फ टूरिस्ट को शराब पीने की अनुमति है। इसके लिए सरकार की तरफ से लाइसेंस जारी किया जाता है। इसके अलावा हेल्थ परमिट बनता है। जिन्हें डॉक्टर शराब रिकमंड करते हैं। उन्हें यह परमिट फीस के साथ मिलता है, हालांकि इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है।

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