अनुशासन ही जीवन की प्रथम शिक्षा का मार्ग- लेफ्टिनेंट जनरल नायडू
प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट में दीक्षा आरंभ कार्यक्रम

भोपाल, 9 सितंबर । प्रेस्टीज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, भोपाल में आयोजित दीक्षा आरंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल मिलन ललित कुमार नायडू (सेवानिवृत्त) ने नए छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि “अनुशासन ही जीवन की प्रथम शिक्षा का मार्ग है।” जिसमें विद्यार्थियों को उनके शैक्षणिक जीवन की नई यात्रा के लिए मार्गदर्शन, प्रेरणा और संस्थान की संस्कृति से परिचित कराया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे लेफ्टिनेंट जनरल मिलन ललित कुमार नायडू (PVSM, AVSM, YSM, सेवानिवृत्त), जिन्होंने अपने अनुभवों और विचारों से विद्यार्थियों को अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया। मुख्य वक्ता के रूप में सुश्री ज्योति पांडे, प्रसिद्ध कहानीकार, ने अपनी प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से जीवन मूल्यों और आत्म-खोज की महत्ता को उजागर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अनिल बाजपेयी ने की, जिन्होंने विद्यार्थियों को संस्थान की शैक्षणिक दृष्टि, सुविधाओं और गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संस्थान में विभिन्न क्लब्स जैसे टेक्निकल क्लब, लीडरशिप क्लब, आर्ट एंड कल्चर क्लब, इनोवेशन क्लब आदि सक्रिय हैं, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक हैं। इन क्लब्स के माध्यम से विद्यार्थियों को नेतृत्व, टीमवर्क, और रचनात्मकता का प्रशिक्षण दिया जाता है।
डॉ. बाजपेयी ने संस्थान की अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, विभिन्न खेल मैदानों, और सुव्यवस्थित इंफ्रास्ट्रक्चर की जानकारी भी साझा की। उन्होंने यह भी बताया कि विद्यार्थियों को फ्रेंच और जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नौकरीया उच्च शिक्षा के अवसरों का लाभ उठा सकें।
शिक्षण पद्धतियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि संस्थान में अनुभवात्मक शिक्षण, गतिविधि आधारित शिक्षण, और प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग को अपनाया गया है। इसके साथ ही लीडरशिप डेवलपमेंट, टीमवर्क और समस्या समाधान जैसे कौशलों को विकसित करने के लिए विभिन्न आयोजन किए जाते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई, जो भारतीय परंपरा और ज्ञान की प्रतीक है। इसके पश्चात अतिथियों का औपचारिक स्वागत किया गया और सभी विशिष्ट अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस आयोजन में 400 से अधिक विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पश्चात सभी उपस्थितों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी, जिससे संस्थान की मेहमान नवाज़ी और समर्पण का परिचय मिला।
दीक्षा आरंभ कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल संस्थान से जोड़ने का कार्य किया, बल्कि उन्हें एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण प्रदान किया, जिससे वे अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत आत्मविश्वास और उत्साह के साथ कर सकें।