झारखंड एवं उतराखण्ड स्थापना दिवस 2025 के उपलक्ष्य में एक भव्य एवं गरिमामय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया


आज राजभवन, भोपाल में झारखंड एवं उतराखण्ड स्थापना दिवस 2025 के उपलक्ष्य में एक भव्य एवं गरिमामय सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित माननीय मंगूभाई छगनभाई पटेल, माननीय राज्यपाल, मध्य प्रदेश विशिष्ट अतिथिगण, देवियों एवं सज्जनों को संबोधित करते हुए झारखंड की सांस्कृतिक विविधता, जनजातीय परंपराओं एवं लोक-कलाओं की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। समारोह के प्रारंभ में राज्यपाल महोदय का स्वागत राजेश कुमार सिंह, जनमेजय शर्मा, संजू कुमारी तथा सतेन्द्र कुमार द्वारा पुष्प-गुच्छ, अंग-वस्त्र एवं स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानपूर्वक किया गया।
समारोह का प्रथम आकर्षण रहा पारंपरिक मगही लोकगीत
“राम जी से पूछे जनकपुर के नारी, बता द बबुआ…”इस गीत की प्रस्तुति दी। नीतू सिंह, कविता पवार, काजल सिंह, प्रतिमा सिंह, कृति राज और अंजु यादव संगीत संगति प्रदान की।
अजय विश्वकर्मा, अनुराग वर्मा और अशुतोष पुरोहित
झारखंड के लोकनृत्य — संयुक्त सांस्कृतिक प्रस्तुति – इसके पश्चात झारखंड की सांस्कृतिक आत्मा को दर्शाने वाले पारंपरिक लोकनृत्यों
,कर्मा, छऊ, झुमैर, कजरी और मुंडारी
की भव्य संयुक्त प्रस्तुति दी गई।
प्रस्तुति में भाग लेने वाली कलाकारों में पायल कुमारी, सौम्या मौर्य, हर्षिता कुमारी, आराध्या सिंह, अनन्या यादव, त्रिशा मौर्य, खुशबू कुमारी, साक्षी गुप्ता, कृतिका सिंह, आरोही सिंह,मंजू मौर्य, शंभवी सिंह संयोजन एवं निर्देशन कोरियोग्राफर रोमा सिंह ने किया।
बिहार सांस्कृतिक परिषद की ओर से संपूर्ण सांस्कृतिक कार्यक्रमों का
कोऑर्डिनेशन एवं संयोजन
अनिल कुमार, दिनेश सिंह एवं सतेन्द्र कुमार द्वारा किया गया।
झारखंड स्थापना दिवस के इस राजकीय समारोह में प्रस्तुत मगही एवं मैथली लोकगीत और पारंपरिक लोकनृत्यों ने झारखंड की सांस्कृतिक धरोहर और जनजातीय गौरव को सजीव रूप से प्रदर्शित किया।
सब उपस्थित अतिथियों ने कलाकारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और झारखंड एवं बिहार सांस्कृतिक परिषद के उज्ज्वल भविष्य की कामना किया।



