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दिल्ली की आबोहवा में घुट रहा दम: ‘बेहद खराब’ श्रेणी में हवा, 16 निगरानी केंद्रों में वायु की गुणवत्ता ‘गंभीर’

दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें सोमवार की तुलना में 68 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही।

राजधानी में हवा की दिशा बदलने और स्थानीय कारकों के चलते हवा एक बार फिर से गंभीर श्रेणी की ओर तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में मंगलवार सुबह की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे से हुई। वहीं, आसमान में स्मॉग की हल्की चादर भी दिखाई दी। इसके चलते दृश्यता भी कम रही। इस दौरान लोग मास्क पहने नजर आए। साथ ही, सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें सोमवार की तुलना में 68 सूचकांक की वृद्धि दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 395 दर्ज किया गया, यह बेहद खराब श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 378, गाजियाबाद में 361 और गुरुग्राम में 277 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 248 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।

सीपीसीबी के समीर एप के अनुसार, दिल्ली के 39 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 16 ने 400 से ऊपर के रीडिंग के साथ वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया। यह स्तर स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालने वाला माना जाता है। ‘गंभीर’ श्रेणी के केंद्रों में बुराड़ी, आनंद विहार, मुंडका, बवाना, विवेक विहार, रोहिणी, सोनिया विहार, अशोक विहार, पंजाबी बाग और अन्य शामिल हैं।

जानें एक्यूआई रीडिंग के मानक
एक्यूआई रीडिंग को अच्छा (0-50), संतोषजनक (51-100), मध्यम प्रदूषित (101-200), खराब (201-300), बहुत खराब (301-400), और गंभीर (401-500) श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।

दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, खराब एक्यूआई में वाहन से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 18.425 फीसदी रही। इसके अलावा निर्माण गतिविधियों से 2.459, आवासीय प्रदूषण 4.69 और पेरिफेरल उद्योग से 9.222 फीसदी भागीदारी रही। सीपीसीबी के अनुसार, मंगलवार को हवा उत्तर दिशा से 10 किलोमीटर प्रतिघंटे के गति से चली। वहीं, अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 1150 मीटर रही। इसके अलावा, वेंटिलेशन इंडेक्स 2500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड रहा। दूसरी ओर, दोपहर तीन बजे हवा में पीएम10 की मात्रा 349.1 और पीएम2.5 की मात्रा 196.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।

शुक्रवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शुक्रवार तक हवा बेहद खराब श्रेणी में ही बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। साथ ही, लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, कई इलाकों में गंभीर और बेहद खराब श्रेणी में हवा दर्ज की गई।

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