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विंटर टेल्स २०२५ शिलांग में शुरू, स्थानीय शिल्प, स्थिरता और समुदाय का उत्सव

शिलांग, १२ दिसम्बर २०२५: विंटर टेल्स २०२५ का छठा संस्करण शिलांग के वॉर्ड्स लेक में शुरू हुआ। यह आयोजन पर्यटन विभाग, मेघालय सरकार की पहल है, जिसे द मेघालयन एज लिमिटेड द्वारा आयोजित किया गया है और डाक-ति द्वारा संजोया गया है। यह तीन दिवसीय कार्यक्रम १३ दिसम्बर २०२५ तक चलेगा।
इस वर्ष का विषय “नर्चर” है, जो संस्कृति, शिल्प, समुदाय और भूमि के आपसी सम्बन्धों को दर्शाता है। यह बताता है कि किस प्रकार स्थानीय जीवनशैली और परम्पराएँ पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ती रहती हैं। विंटर टेल्स २०२५ की अवधारणा “पाँच उँगलियों” के प्रतीक पर आधारित है, जो यह दिखाती है कि हाथ ही वे साधन हैं जो कहानियाँ कहते हैं, समुदाय बनाते हैं और परम्पराओं को सँजोकर रखते हैं।
उद्घाटन दिवस की शुरुआत माननीय पर्यटन मंत्री श्री टिमोथी डी. शिरा द्वारा स्थल के भ्रमण से हुई। उनके साथ कई कारीगर, उद्यमी और बच्चों के “क्नेर शा की” कोरस दल का मनमोहक प्रस्तुति भी हुई।
उद्घाटन समारोह में माननीय पर्यटन मंत्री श्री शिरा ने कहा कि यह आयोजन केवल उत्सव नहीं, बल्कि लोगों की कला और परम्पराओं से जुड़ा एक “सांस्कृतिक आन्दोलन” है। उन्होंने इस वर्ष के विषय “पाँच उँगलियाँ” के बारे में बताते हुए कहा कि यह मेघालय की उस भावना को दर्शाता है जहाँ हाथ “बनाते हैं, पकाते हैं, गाते हैं, महसूस करते हैं और निर्माण करते हैं”— यह सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि विरासत और निरन्तरता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “मेघालय में संस्कृति मंच पर नहीं, बल्कि कारीगरों के हाथों में जीवित रहती है।”
उन्होंने उत्सव में बांस, जूट और मिट्टी जैसी स्थानीय और प्राकृतिक सामग्री के उपयोग की सराहना करते हुए कहा, “हमें गर्व है कि यह उन चुनिंदा बड़े सार्वजनिक आयोजनों में से है जहाँ कचरा बेहद कम, प्लास्टिक न्यूनतम और प्रकृति के प्रति सम्मान सबसे अधिक है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल पर्यटन नहीं, बल्कि “ज्ञान साझा करना, समुदाय को सशक्त बनाना और जीवित विरासत” है, और सरकार सृजनात्मक समुदाय को पूरा समर्थन देती रहेगी।
दर्शकों ने प्रसिद्ध स्थानीय कलाकार पदूह अकी के विशेष प्रस्तुति और शिलांग परिधान समुदाय के आकर्षक कार्यक्रम का भी आनंद लिया। कार्यशाला मंच पर कई रोचक सत्र और पुस्तक विमोचन हुए, जिनमें “फ्रॉम शिलांग टू सैगॉन, बाजार संस्कृति के संगम” पुस्तक का विमोचन शामिल था। इसके साथ ही पोषण विशेषज्ञ हाबारी वारजरी का सत्र और निकोलस खारनामी (आर.जे. निक्की) का “कचरा प्रबन्धन में सामूहिक जिम्मेदारी” विषय पर सत्र भी आयोजित किया गया।
आयोजन में पहली बार “गो ग्रीन पुरस्कार” भी प्रदान किए गए, जिनका उद्देश्य फिल्म, कला, भोजन और समुदाय आधारित प्रयासों में उत्कृष्ठ कार्यों को सम्मान देना है। “ग्रीन एम्बैसडर पुरस्कार” श्री निकोलस जे. खारनामी को दिया गया, जिन्हें बीस हज़ार रुपये का चेक प्रदान किया गया। आइनेश्‍खेम स्वयं सहायता समूह को “घटाएँ, पुनः उपयोग करें, पुनर्चक्रण” श्रेणी में,
लीड्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के इको क्लब को “स्थिरता प्रकोष्ठ” श्रेणी में, और जोशुआ रेयनर लिंगदोह को “स्थापत्य” श्रेणी में प्रत्येक को दस हज़ार रुपये के पुरस्कार दिए गए।
शाम का समापन सुर्ना नॉन्गकिंदोंग, जामीर और मेल, एकोरा, काता नीसा और डब फेडर के ऊर्जावान प्रस्तुतियों से हुआ। मुख्य मंच से अलग कार्यशाला क्षेत्र में मिट्टी के बर्तनों, बांस-बेंत शिल्प, वस्त्र बुनाई, लकड़ी के काम और जीवंत चित्रकारी के प्रत्यक्ष प्रदर्शन भी हुए।
अगले दो दिनों में भी विंटर टेल्स २०२५ में संगीत, कार्यशालाएँ, जीवंत कला और कई संवादात्मक सत्र जारी रहेंगे। भोजन और स्थानीय पेय उद्यमियों के साथ बातचीत, गो ग्रीन पुरस्कारों के और विजेताओं की घोषणा तथा शिलांग परिधान समुदाय के कार्यक्रम भी होते रहेंगे।
दूसरे दिन कलाकार और डिज़ाइनर मारियो पाथाव के साथ कला पर चर्चा,
मार्टिन लूथर क्रिश्चियन विश्वविद्यालय प्रेस की पुस्तक का विमोचन,
और भारत के प्रसिद्ध छायाचित्रकार पाब्लो बार्थोलोम्यू का फोटोग्राफी सत्र आयोजित होगा।
तीसरे दिन डॉ. ऑस्विन विंटर जापांग द्वारा पहचान विषय पर कहानी-वाचन,
शेफ अहमेदाकी लालू द्वारा “शून्य कचरा भोजन” और “खाद्य प्रणाली” विषयक प्रस्तुति,
और जेमिमा माराक द्वारा “विंटर टेल्स की जादुई कहानियाँ” सत्र आयोजित होगा।
कार्यशाला मंच पर कारीगरों के प्रत्यक्ष प्रदर्शन दोनों दिनों में जारी रहेंगे।
शाम के कार्यक्रमों में “नब्बे से बड़े”, “अहाइआ बैंड”, “सोल ग्रूव”, “माया लिंगदोह”, “ब्लू टेम्पटेशन्स”, “खासी ब्लड्ज़” और कई अन्य स्थानीय संगीत दलों की प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
विंटर टेल्स २०२५ में बड़ा शिल्प बाज़ार भी आयोजित होगा, जिसमें स्थानीय उद्यमियों और समूहों के उत्पाद प्रदर्शित किए जाएँगे। इनमें हाथ से बुने वस्त्र, बांस-बेंत के सामान, लकड़ी की कलाकृतियाँ, मिट्टी के बर्तन आदि शामिल होंगे। साथ ही स्थानीय भोजन, पेय और कई अनुभव क्षेत्रों में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा।
इस वर्ष की विशेष कला प्रस्तुति “सायनोटाइप मार्च – प्रकाश और समय में मेघालय के पचास वर्ष” है, जिसे कलाकार कॉनराड सिएम ने बनाया है। यह परियोजना राज्य की पचास वर्ष की यात्रा को दर्शाती है। इसके साथ ही करीएन जॉपलिन लांगस्तियेह द्वारा संजोई गई कलाकृतियाँ भी प्रदर्शित होंगी।
विंटर टेल्स मेघालय का प्रमुख समुदाय आधारित उत्सव है, जो पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पूरी तरह स्थानीय संसाधनों से तैयार किया जाता है। यह स्थानीय आवाज़ों को मंच देता है और बांस, जूट, बेंत तथा अन्य प्राकृतिक सामग्रियों के उपयोग से शून्य-कचरा ढाँचों के माध्यम से स्थिरता को बढ़ावा देता है। यह उत्सव मेघालय की आत्मा और उसकी जीवित कहानियों को अनुभव करने के लिए सभी को आमंत्रित करता है।
कार्यक्रम में माननीय पर्यटन मंत्री श्री टिमोथी डी. शिरा; पर्यटन विभाग की निदेशक श्रीमती ब्रेंडा ली पाकिन्तिन; द मेघालयन एज लिमिटेड के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री रॉबर्ट लिंगदोह; डाक-ति की संस्थापक श्रीमती रिदा गटफोह तथा अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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