गीता जीवन दर्शन है, यह व्यक्ति को कर्म का संदेश देती है- डॉ. विनीत तिवारी
मरघटिया मंदिर में मनाया गया गीता जयंती महोत्सव और सम्मान समारोह


भोपाल। श्री उदासीन आश्रम मंदिर मरघटिया महावीर शाहजहानाबाद भोपाल में 1 दिसंबर को सोमवार मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष मोक्षदा एकादशी श्रीमद् भगवत गीता जयंती के पावन अवसर पर परम शक्ति सेवा समिति संस्था के द्वारा गीता जयंती महोत्सव एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विश्व योग संसद के संस्थापक अध्यक्ष एवं विश्व योग विद्यापीठ के महानिदेशक डॉ. विनीत तिवारी ने कहा कि गीता एक ग्रंथ ही नहीं बल्कि एक जीवन दर्शन है। आज प्रत्येक व्यक्ति तनाव से गुजर रहा है और हर व्यक्ति असमंजस में है कि क्या करें क्या ना करें। असफल होने पर व्यक्ति दुखी हो जाता है लेकिन गीता हमें संदेश देती है कि कर्म करते रहो , मनुष्य को प्रारब्ध के अनुसार फल मिलता है । व्यक्ति को कुछ कार्यों का फल तुरंत मिलता है और कुछ बाद में मिलता है । गीता हमें संदेश देती है कि निष्काम होकर कार्य करते रहें । हमारा देशवासियों को संदेश है कि गीता को जीवन में अपनाएं क्योंकि गीता एक जीवन दर्शन है । उन्होंने कहा कि विश्व योग विद्यापीठ में निर्णय लिया है कि घर-घर गीता अभियान चलाएंगे और यह निरंतर जारी रहेगा । डॉक्टर तिवारी ने कहा कि गीता के प्रचार प्रसार के लिए गीता वाहिनी का गठन भी किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन महंत कन्हैया दास जी महाराज उदासीन के मार्गदर्शन में किया गया।
कार्यक्रम में ये रहें मौजूद
कार्यक्रम का संचालन प्रख्यात ज्योतिषाचार्य, पंडित लख्मीचंद चौधरी , एस्ट्रो पूजा दुबे, स्वागत मार्गदर्शन पंडित राम किशोर वैदिक एवं समन्वय अधिकारी राज ज्योतिषी पंडित, कृपाराम उपाध्याय , धर्माचार्य रजनी निखिल, कामाख्या उपासक डॉक्टर शैलजा श्रीवास्तव, रेखा माथुर पूनम श्रीवास्तव एवं मीडिया प्रभारी डॉक्टर विनीत तिवारी इत्यादि मौजूद रहे । कार्यक्रम का आयोजन पंडित गंगा प्रसाद आचार्य (धर्म अधिकारी) अध्यक्ष श्री परम शक्ति सेवा समिति मध्य प्रदेश भोपाल द्वारा किया गया।




