
नई दिल्ली: एनर्जी, हेल्थ और खाद्य के क्षेत्र में चुनौतियों से जूझ रहे ग्लोबल साउथ के देशों को साथ आने के संदेश के साथ पीएम मोदी ने ग्लोबल डेवलपमेंट कॉपैक्ट बनाए जाने का प्रस्ताव रखा सामने रखा। भारत इसके लिए 2.5 मिलियन डॉलर के विशेष फंड की भी शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि कैपेसिटी बिल्डिंग और ट्रेड पॉलिसी में ट्रेनिंग मुहैया करवाई जाएगी, जिसके लिए 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर का फंड भी दिया जाएगा। पीएम ने साफ कहा कि ये डेवलपमेंट फाइनेंस के नाम पर जरूरतमंद देशों की खुद की विकास प्राथमिकताओं से प्रेरित होगा।
विकास की दिशा में मल्टीडाइमेंशनल साबित होगा’
पीएम मोदी ने अपनी बात रखते हुए कहा कि ये पहल मानव केंद्रित और विकास की दिशा में मल्टीडाइमेंशनल साबित होगा। पीएम ने कहा कि पहल डेवलपमेंट फाइनेंस के नाम पर जरूरतमंद देशों को कर्ज के तले नहीं दबाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी नींव भारत की खुद की विकास यात्रा के सुझाव से प्रेरित है। और ये पहल पार्टनर देशों के संतुलित और समावेशी विकास में मदद करेगा। पीएम ने बताया कि इस कॉम्पैक्ट के तहत ट्रेड फॉर डेवलपमेंट, कैपेसिटी बिल्डिंग फॉर सस्टेनेबल ग्रोथ, टेक्नोलॉजी शेयरिंग, व्यापार से जुड़ी गतिविधियों और ग्रांट्स पर फोकस करेंगे। पीएम ने आगे कहा कि भारत ग्लोबल साउथ के देशों में फाइनेंशियल स्ट्रेस और डेवलपमेंट फंडिंग के लिए SDG स्टिमुलस लीडर्स ग्रुप में सहयोग दे रहा है। इसके पीएम ने आगे कहा किग्लोबल साउथ की चिंताओं का समाधान समावेशी ग्लोबल गवर्नेंस पर निर्भर करता है और ग्लोबल साउथ और ऩॉर्थ के बीच की दूरी को कम करने के लिए कदम उठाए जाने जरूरी हैं।