उपाधि से बढ़कर ज्ञान हैं, यह उसके पास भी हो सकता है जिसके पास कोई उपाधि नहीं
आज दिनांक 22.08.2024 को प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय हमीदिया महाविद्यालय भोपाल में हमीदिया महाविद्यालय पूर्व छात्र संगठन के तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद व्याख्यान माला के अंतर्गत “तस्मात् उत्तिष्ठ ! जाग्रत ! प्राप्यवरान्निबोधत्” विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। दीप प्रज्जवलन, माल्यापर्ण के उपरांत इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. अनिल शिवानी ने पूर्व छात्र संगठन के समस्त सदस्यों का महाविद्यालय में हार्दिक स्वागत करते हुये आयोजित कार्यक्रम को विद्यार्थियों के लिये अत्यंत प्रेरणास्पद बताया। मुख्य वक्ता के रूप में श्री मनोज श्रीवास्तव पूर्व छात्र एवं सेवानिवृत्त अधिकारी (भा.प्र.से) ने विषय को संदर्भ सहित स्पष्ट करते हुये कहा कि कठोपनिषद से उद्धृत यह मंत्र मृत्यु देवता यम और नचिकेता संवाद का एक हिस्सा है जिसे यम द्वारा नचिकेता को आत्मज्ञान प्राप्ति का मार्ग बताते हुए कहा गया है। इसमें यम नचिकेता को बताते हैं कि इसके लिये उठो, जागो और श्रेष्ठ को प्राप्त करो ज्ञान प्राप्त करने का मार्ग अत्यंत कठिन छुरे की धार पर चलने के समान होता है।
वर्तमान संदर्भ में जो छात्र उपाधि को ही ज्ञान मान बैठे हैं एवं उसे आसानी से शॉर्टकट द्वारा प्राप्त करना चाहते हैं, वे भ्रमित हैं। उपाधि से बढ़कर ज्ञान हैं, यह उसके पास भी हो सकता है जिसके पास कोई उपाधि नहीं है, जैसे कबीर। उन्होने अपने वक्तव्य के उपरांत छात्रों एवं प्राध्यापकों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। महाविद्यालय के पूर्व छात्र अध्यक्ष श्री दीपचंद यादव, श्री एस.एल. यादव ने भी अपने विचार से छात्रों को प्रेरित किया। इसमें एन.एस. एस., एन.सी.सी. एवं स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के विद्यार्थियों एवं समिति सदस्यों ने कार्यक्रम संयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महाविद्यालयीन प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम का संचालन श्री जी.के. श्रीवास्तव ने किया। महाविद्यालयीन पूर्व छात्र संगठन के प्रभारी श्री शरद तिवारी विभागाध्यक्ष एवं प्राध्यापक अर्थशास्त्र का इस कार्यक्रम के संयोजन में उल्लेखनीय सहयोग रहा।