असम राज्य के लोक एवं जनजातीय कला और संस्कृति पर केन्द्रित प्रदर्शनी सितंबर के अंतिम सप्ताह में

भोपाल। इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल द्वारा असम राज्य के लोक एवं जनजातीय कला और संस्कृति पर केन्द्रित यह प्रदर्शनी भारत की स्वतंत्रता के पचहतर वर्षो और इनके गौरवशाली इतिहास में असम के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, प्रथाओं और परंपराओं का प्रदर्शन करने तथा इसके लोगों के बीच परस्पर समन्वय, सहयोग और साझेदारी विकसित करने, के साथ साथ असम के लोगों के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जीवन, उनके धार्मिक विश्वास और भावनात्मक संबंधों को दर्शयेगी है । इस संबंध मे संग्रहालय के निदेशक प्रोफेसर अमिताभ पांडे ने बताया की भारत की स्वतन्त्रता के अमृत महोत्सव के भाग के रुप में प्रस्तुत प्रदर्शनी भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष तथा इसके वैभवशाली इतिहास, को स्मरण करने हेतु बोड़ो,कार्बी,मिशिंग,सोनोवल,देवरी,राभा,दीमसा,तिवास,से संबंधित इं.गा.रा.मा.सं के वैविध्यपूर्ण संकलन के जरिये असम के सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन की झलक के प्रस्तुतीकरण का विनम्र प्रयास है। असम विविध संस्कृतियों का मिलन स्थल है।असम हरियाली और खनिज संपदा के उपरोक्त प्राकृतिक वैभव के अतिरिक्त राज्य जनजातीय बहुल राज्य के रूप में भी ज्ञात है क्योंकि यह 14 जनजाति समूह का गृह राज्य है जो न केवल राज्य की सांस्कृतिक विविधता में इजाफा करती है बल्कि सांस्कृतिक उद्विकास की विभिन्न अवस्थाओं को समझने हेतु एक अंतर्दृष्टि प्रदान करती है और देश के स्वाधीनता संग्राम में भी महत्वपूर्ण योगदान दे चुकी है।