वॉशिंगटन: खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने के मामले में अमेरिका ने एक पूर्व भारतीय खुफिया अधिकारी पर आरोप लगाया है। अमेरिकी न्याय विभाग ने इस बारे में जानकारी दी है। यह घटनाक्रम भारत और अमेरिका के अधिकारियों की बैठक के बाद आया है। बैठक के बाद गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग में चिह्नित किया गया व्यक्ति ‘अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है।
अमेरिका ने पहले बताया था कि भारत का कहना है कि वह एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश के आरोपों को गंभीरता से ले रहा है। मंगलवार को अमेरिका आए भारतीय अधिकारियों की टीम ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय और विधि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर मुलाकात की।
अमेरिका में भारतीय अधिकारियों की बैठक
भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी उच्च स्तरीय भारतीय जांच दल के दौरे की पुष्टि की। इस टीम को गुरपतवंत सिंह की नाकाम हत्या की साजिश में भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता और एक भारतीय अधिकारी की कथित संलिप्तता के बारे में अमेरिकी सरकार से साझा किए सबूतों की समीक्षा के लिए गठित किया गया है। अमेरिका ने ही सोमवार को सबसे पहले भारतीय अधिकारियों के दौरे की घोषणा की थी। निखिल गुप्ता को पिछले साल प्राग से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें इसी साल प्रत्यर्पित करके अमेरिका ले जाया गया जहां उनके ऊपर मुकदमा चल रहा है। अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा था कि एक भारतीय सरकारी कर्मचारी ने निखिल गुप्ता को एक हत्यारे को भर्ती करने की जिम्मेदारी दी थी, जो पन्नू की हत्या को अंजाम दे सके। इस सरकारी कर्मचारी की पहचान अभियोग में CC1 के रूप में की गई थी। इस साजिश को अमेरिकी अधिकारियों ने विफल कर दिया था।