एजुकेशनखबरमध्य प्रदेश

स्वामी विवेकानंद का अनुसरण कर जीवन को बेहतर बनाएं

एल एन आयुर्वेद महाविद्यालय में स्नातकोत्तर ज्ञान आरंभ “संस्कार” कार्यक्रम का आयोजन

भोपाल, 14 जनवरी ।एल एन आयुर्वेद महाविद्यालय में नव आगंतुक स्नातकोत्तर छात्र-छात्राओं हेतु ज्ञान आरंभ संस्कार ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव अशोक वार्ष्णेय थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में आरोग्य भारती के प्रांतीय संगठन सचिव महेश दीक्षित राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मिहिरजी, एलएनसीटी समूह के सचिव अनुपम चौकसे, एलएनसीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ नरेंद्र कुमार थापक, रजिस्ट्रार डॉ अजीत कुमार सोनी,प्राचार्य डॉ सपन जैन व निदेशक डॉ विशाल शिवहरे थे ।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान धन्वंतरि के समझ पूजन व दीप प्रज्वलन कर किया गया।कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ शैलेष जैन द्वारा महाविद्यालय के उपलब्धियों से सभी को रूबरू कराया गया। तत्पश्चात प्राचार्य डॉ सपन जैन द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत किया गया, जिसमें महाविद्यालय के नियम व कायदों से विद्यार्थियों को परिचित कराया गया ।
वाइस चांसलर डॉ नरेंद्र कुमार थापक ने अपने उद्बोधन में युवा दिवस पर स्वामी विवेकानंद के चरित्र से सीख लेते हुए अपने जीवन को बेहतर बनाने का आह्वान किया गया ।
सचिव एलएनसीटी ग्रुप डॉ अनुपम चौकसे ने अपने उद्बोधन में छात्रों से कुछ बेहतर कर आयुर्वेद को एक नई ऊंचाई प्रदान करने हेतु संकल्पित किया गया।
डॉ अशोक वार्ष्णेय ने अपने संबोधन में विद्यार्थियों से प्रश्न उत्तर करते हुए स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में रिसर्च की क्या भूमिका है विषय पर विस्तृत विश्लेषण किया गया। आयुर्वेद में आज रिसर्च की बहुत आवश्यकता है रिसर्च पॉजिटिव भी होती है नेगेटिव भी होती है आज दोनों प्रकार की रिसर्च की आवश्यकता है। महाविद्यालय परिवार द्वारा मुख्य अतिथि का स्मृति चिन्ह के साथ सम्मान किया गया। तत्पश्चात निदेशक डॉ विशाल शिवहरे द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया। व अंत में राष्ट्रगान के साथ उद्घाटन सत्र का समापन किया गया।
भोजनॉत्तर सत्र में डॉ मिलिंद सूर्यवंशी सी सी आर ए एस सहायक संचालक नागपुर के द्वारा रिसर्च विषय पर विस्तृत व्याख्यान दिया गया । तत्पश्चात कार्यक्रम के विशेष अतिथि नई दिल्ली से आए एन सी ई एस एम के आयुर्वेद बोर्ड के सदस्य डॉ अतुल वार्ष्णेय सदस्य बी ओ आई,एन सी आई एस एम द्वारा आयुर्वेद के क्षेत्र में आ रहे व्यापक परिवर्तनों से सभी को अवगत कराया गया।

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