खबरमध्य प्रदेश

मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण खत्म करे सरकार, पंडित पुजारी वर्ग को मिले पूर्ण अधिकार

मासिक निश्चित मानदेय सहित अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग , नरेला में पुजारियों के पांव पखारे, राजशाही भोज का आयोजन

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार की बार-बार घोषणाओं के बावजूद प्रदेश के मंदिरों में जीवन अर्पण कर धर्म सेवा करने वाले पंडित पुजारियों के प्रति कागजी घोषणाएं जमीन पर नहीं उतर सकी हैं। पुजारियों ने मंदिर का मालिकाना हक देने, सरकार से वेतन देने और लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना पुजारियों को लागू करने के साथ पीएमएवाय योजना में मकान देने जैसी मांग की। नरेला विधानसभा क्षेत्र में पंडित पुजारी वर्ग के लिए विशेष अभियान शुरू करते हुए कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने सरकार से इन्हें सुविधा संपन्न बनाने की मांग की है। बसंत पंचमी के अवसर पर नरेला विधानसभा के मंदिरों में पूजन करने वाले लगभग 100 से अधिक विप्र बंधुओं का राजशाही भोज का आयोजन कर पंडित पुजारी के पांव पखारे गए। उन्हें भोजन उपरांत विधिवत पूजन पाठ कर उनको दान दक्षिणा देकर सम्मानित किया गया। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने मांग की है कि सरकार समाज के अन्य वर्ग की तरह पंडित पुजारी के लिए प्रति मासिक वेतन मानदेय की व्यवस्था करें। इसके अतिरिक्त उन्हें हाउसिंग फॉर ऑल जैसी स्कीम में शामिल होने के लिए पात्र आवेदक की श्रेणी में भी शामिल किया जाए।शुक्ला ने सरकार से मांग की है कि जो भी मंदिर हैं उन्हें सरकार के नियंत्रण से बाहर किया जाए और पुजारी को मंदिर का मालिकाना हक दिया जाए। प्रत्येक मंदिर के पुजारी को सरकार द्वारा निश्चित मानदेय एवं उनको रहने के लिए पक्के मकान दिए जाएं। सरकार से मंदिर पर पुजारी को अंकुश नहीं मदद चाहिए। मुख्यमंत्री मोहन यादव धर्मस्व विभाग को उज्जैन ले गए हैं, इससे मुझे ऐसा लगता है कि धर्म पर उनका ध्यान केंद्रित है इसीलिए मेरी उनसे यह मांगें हैं जो कि पूरी की जानी चाहिए।
इस अवसर पर रविशंकर मिश्रा,धर्मेंद्र विजयवर्गीय,अनूप पांडे, अमित खत्री, विजेंद्र शुक्ला, मुकेश पंथी, मनोज बाथम,संदीप सरवैया, दर्शन कोरी, प्रिंस नवांगे आदि मौजूद थे।

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