टेक्निमॉन्ट और नेक्स्टकेम ने भारत के विजयपुर, मध्य प्रदेश साइट में गेल के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की शुरुआत की
यह प्लांट 10 मेगावाट की इलेक्ट्रोलिसिस यूनिट के ज़रिये हर दिन 4.3 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा
इस संयंत्र की शुरुआत सही मायने में भारत में स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ा कदम है, साथ ही यह राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप है
• विजयपुर का यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, नेक्स्टकेम के लिए भारत में अतिरिक्त ऊर्जा की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के प्रयासों को दर्शाने वाला संयंत्र होगा
विजयपुर, मध्य प्रदेश 11 जुलाई, 2024– टेक्निमॉन्ट (इंटीग्रेटेड ई-एंड-सी सॉल्यूशंस) की भारतीय सहायक कंपनी, टेक्निमॉन्ट प्राइवेट लिमिटेड, तथा नेक्स्टकेम (सस्टेनेबल टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस) ने आज अपने क्लाइंट गेल (इंडिया) लिमिटेड के लिए विजयपुर, मध्य प्रदेश, भारत में पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के शुभारंभ की घोषणा की।
मई 2022 में इस परियोजना का कार्य सौंपा गया था जिसे टेक्निमॉन्ट प्राइवेट लिमिटेड ने नेक्स्टकेम के साथ मिलकर पूरा किया। यह परियोजना भारत में कम कार्बन वाले ऊर्जा समाधानों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस प्लांट में 10 मेगावाट की इलेक्ट्रोलिसिस यूनिट के ज़रिये हर दिन 4.3 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा, जिससे सरकारी स्वामित्व वाली सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी, गेल मेगावाट-पैमाने पर ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की शुरुआत करने वाली देश की पहली कंपनी बन जाएगी।
गेल का विजयपुर संयंत्र, वर्ष 2030 तक सालाना कम-से-कम 5 मिलियन टन ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन की क्षमता हासिल करना चाहता है, जो भारत के हाइड्रोजन मिशन के अनुरूप है। भारत ने वर्ष 2047 तक ऊर्जा के मामले में स्वतंत्र बनने तथा वर्ष 2070 तक नेट-जीरो हासिल करने का लक्ष्य रखा है। ऊर्जा के नए स्रोतों को अपनाने के लक्ष्य को हासिल करने में ग्रीन हाइड्रोजन की भूमिका सबसे अहम है: सही मायने में, इसका उपयोग नवीकरणीय ऊर्जा के लंबे समय तक भंडारण, उद्योग में जीवाश्म ईंधन की जगह लेने और स्वच्छ परिवहन के साथ-साथ संभावित रूप से बिजली के विकेन्द्रीकृत उत्पादन, विमानन तथा समुद्री परिवहन के लिए भी किया जा सकता है।
विजयपुर का यह ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट, नेक्स्टकेम के लिए भारत में अतिरिक्त ऊर्जा की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के प्रयासों को दर्शाने वाला संयंत्र होगा।
इस मौके पर MAIRE ग्रुप के सीईओ, एलेसेंड्रो बर्निनी ने कहा: “हम इस उपलब्धि पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं, जिससे भारत में ऊर्जा के नए स्रोतों को अपनाने के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं के लिए MAIRE की स्थिति और बेहतर हुई है, और इस तरह हमने देश में सबसे बड़े ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट की शुरुआत में अपना योगदान दिया है। 3,000 से अधिक कर्मचारियों के साथ भारत में हमारी उपस्थिति काफी मजबूत है, और उनके प्रयासों की वजह से हमारा समूह देश के उद्योग जगत के लिए स्थायी समाधानों की पेशकश में सबसे आगे है।”