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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार,10 अगस्त को केरल के वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। सुबह 11 बजे, प्रधानमंत्री मोदी कन्नूर पहुंचेंगे, जहाँ से उन्होंने वायनाड के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद पीएम मोदी ने सड़क मार्ग के स्थिति का भी जायजा लिया। इस दौरान पीएम मोदी के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय पर्यटन और राज्य मंत्री सुरश गोपी भी मौजूद थे। यहां उन्होंने राहत शिवरों का दौरा किया साथ ही प्रभावित लोगों से मुलाकात की।

PM मोदी ने की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता 
आपदा शिवरों के निरक्षण के बाद पीएम मोदी ने एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और राहत और बचाव कार्य की जानकारी ली। इस बैठक में उन्हें वायनाड में भूस्खलन की घटना और वर्तमान राहत कार्यों की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी से इस आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपए की सहायता राशी की मांग की है। भूस्खलन की इस त्रासदी में अब तक 226 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग अब भी लापता हैं। वायनाड पहुंचने पर पीएम मोदी ने बचाव अभियान में शामिल टीमों से निकास के प्रयासों के बारे में जानकारी ली। मोदी ने राहत शिविर और अस्पताल का दौरा किया जहां उन्होंने भूस्खलन के पीड़ितों और बचे लोगों से मुलाक़ात की और बातचीत की।

केरल सरकार ने की सहायता राशि की मांग 
केरल सरकार ने वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 2,000 करोड़ रुपये की सहायता की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से पहले, केरल की मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने केंद्रीय टीम से मुलाकात की, जो गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव राजीव कुमार के नेतृत्व में वायनाड का दौरा करके प्रभावित लोगों से बातचीत की थी। केंद्रीय टीम ने क्षेत्र के विस्तृत अध्ययन की आवश्यकता की बात की, क्योंकि भूस्खलन का प्रभाव बहुत व्यापक है।राज्य सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि वायनाड के चूरलमाला, मुंडक्कई और पुंचिरी मट्टम क्षेत्रों में आवासीय और कृषि क्षेत्र दोनों में गंभीर नुकसान हुआ है। बयान में बताया गया कि पुनर्वास के लिए ही 2,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है।

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