काबुल: मौजूदा साल, 2024 में दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की सूची में सूडान और माली का नाम है तो युद्ध में उलझे रूस और यूक्रेन भी इसमें शामिल है। ग्लोबल पीस इंडेक्स (जीपीआई) ने दुनिया के सबसे खराब हालात वाले देशों की रिपोर्ट जारी की है। इसे राष्ट्रों की सुरक्षा, गंभीर संघर्ष, राजनीतिक अस्थिरता और मानवीय संकट के आधार पर तैयार तिया गया है। जीपीआई हर साल 23 संकेतकों (इंडिकेटर) पर 163 देशों का मूल्यांकन करता है। इसमें आंतरिक संघर्ष, सामाजिक सुरक्षा और सैन्यीकरण के स्तर शामिल हैं, जो वैश्विक शांति और सुरक्षा का व्यापक मूल्यांकन प्रदान करता है। मूल्यांकन के बाद इस साल की सबसे खतरनाक देशों की सूची दी गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, जीपीआई ने इस साल दुनिया के सबसे खतरनाक देशों की लिस्ट में यमन को सबसे टॉप पर रखा है। यानी यमन को सबसे खराब स्थिति वाला देश माना है। 3.397 के जीपीआई स्कोर के साथ यमन दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। 2015 में शुरू हुए गृह युद्ध के बाद से देश बड़े पैमाने पर अकाल, बीमारी और बुनियादी ढांचे के पतन का सामना कर रहा है। यमन के बाद सूडान का नंबर आता है। सूडान के डारफुर, साउथ कोर्डोफन और ब्लू नाइल जैसे क्षेत्रों में लगातार संघर्ष से 20 लाख लोग विस्थापित हुए हैं। दक्षिण सूडान को 2011 में आजाद होने के बाद से ही देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। देश 3.324 के जीपीआई स्कोर के साथ दुनिया के खतरनाक मुल्कों में शामिल है।
डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (डीआरसी) अफ्रीकी इतिहास के सबसे घातक संघर्ष से जूझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय बचाव समिति के अनुसार, साढ़े चार साल से अधिक समय से चल रही हिंसा में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से किसी भी अन्य संघर्ष की तुलना में अधिक जानें गई हैं। इससे ये देश एक खतरनाक जगह बन गई है। खतरनाक देशों की लिस्ट में एक और नाम सीरिया का है। साल 2011 में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद से सीरिया दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बना हुआ है। देश में लगातार चल रहे संघर्ष से इमारतें, सड़कें, अस्पताल और स्कूल खंडहर हो गए हैं और मानवीय स्थिति गंभीर है। देश में करोड़ों की संख्या में लोग पेट भर खाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।