श्री कृष्ण के आदर्शों पर चलकर प्रकृति व पर्यावरण की रक्षा करें- प्राची देवी

भोपाल| आज पूरे विश्व में मनुष्य प्रकृति का अंधाधुंध दोहन कर रहा है जिससे पृथ्वी का पर्यावरण असंतुलित हो गया है पहले बारिश 4 महीने होती थी बीच में एक बार मावठा गिरता था अब पूरे वर्ष बरसात हो रही है पूरे विश्व के वैज्ञानिक ही नहीं सरकारें भी प्रकृति के इस असंतुलन से चिंतित हैं प्रत्येक मनुष्य को श्री कृष्ण के आदर्शों पर चलकर प्रकृति के प्रति चिंतित होकर पर्यावरण व प्रकृति की रक्षा करने की आवश्यकता है|
विट्ठल मार्केट में चल रही भागवत कथा के पंचम दिवस पूज्य प्राची देवी ने श्री कृष्ण द्वारा की गई गोवर्धन पूजन प्रसंग पर कहा कि हजारों वर्ष पूर्व श्री कृष्ण ने गिरिराज जी का पूजन करवा कर मनुष्य को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश दिया था आज हम अपनी नदियों, पहाड़ों, जंगलों का भरपूर दोहन कर क्रांकीट के जंगल खड़े करते जा रहे हैं जिसके कारण कई नदियां व पहाड़ लुप्त होने की कगार पर है वर्तमान की सरकारें भीअभियान चला कर नदियों को बचाने एवं वृक्ष लगवाने का कार्य कर रही है उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को अपने जन्मदिन, पूर्वजों की पुण्य तिथि एवं अन्य अवसरों पर एक पेड़ लगाकर उसका पालन करने का संकल्प भी दिलाया|
पूज्य प्राची देवी ने कृष्ण लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि यमुना में रह रहे कालिया नाग से यमुना प्रदूषित हो गई थी जिसे मुक्त करते हुए श्री कृष्ण ने यमुना को प्रदूषण मुक्त किया था| आज वर्तमान परिवेश में हमें भी अपनी मातृभूमि, धर्म, प्रकृति एवं पर्यावरण की रक्षा हेतु श्री कृष्ण के आदर्शों पर चलना होगा तभी हम अपने राष्ट्र की रक्षा कर पाएंगे||
कल छठवें दिन रासलीला, कंसवध, उद्धव चरित्र, रुक्मणी विवाह का प्रसंग होगा|
व्यास पीठ का पूजन मुख्य यजमान स्वदेश सरोज सोनी, रामेश्वर शर्मा, रमेश सुहाने, प्रदीप मिलन आदि ने किया |