अध्यात्म चिरस्थायी सुख शांति का आधार- बी के किरण
ब्रह्मा कुमारीज़ मूल्य उपवन अचारपुरा में विश्व शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में शिक्षाविद् सभा आयोजित

भोपाल।जीवन की प्रयोगशाला में कालातीत से हम सुख शांति के लिए अनेकानेक प्रयोग करते आए हैं। लेकिन इन तमाम प्रयासों का परिणाम हमसे छिपा नहीं है। आवश्यकता है ईमानदार समीक्षा की और कारगर अभिनव प्रयोग करने की। जिस तरह कार ईंधन भरने के लिए नहीं होती, बल्कि ईंधन की सहायता से कार द्वारा गंतव्य तक पहुंचने का लक्ष्य होता है, ठीक उसी तरह जीवन मात्र उदर पोषण के लिए नहीं है, बल्कि खुद आनंद में रहते हुए औरों को भी आनंदित करने के लिए है। अध्यात्म ही आनंदमय जीवन का बीज है। वास्तविक आध्यात्मिक ज्ञान परम शिक्षक परमात्मा के पास है, जिस ज्ञान से आनंद की अखंड ज्योति जागती है। मन चाही इच्छा की पूर्ति से प्राप्त क्षण भंगुर खुशी आध्यात्मिक ज्ञान में स्थित रहने से अनुभव की गई स्थाई खुशी से सर्वथा भिन्न है। जो खुशी परिस्थिति पर आधारित नहीं होती, बल्कि सभी द्वैत भावों से अतीत आत्मा के अनादि भाव में स्थित होने से अनुभव होती है , यही जीवन का लक्ष्य है। इसलिए बाह्य साधनों के साथ साथ आंतरिक साधना भी आवश्यक है । यही महान से महान चरित्र है। जब हमारे शिक्षक अध्यात्म की इस सिद्धि का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे, तभी चिर शांतिमय भविष्य सुनिश्चित हो सकता है। जब हमारे द्वारा तैयार डॉक्टर, इंजिनियर्स और भिन्न भिन्न कलासंपन्न व्यवसायी उच्च चरित्र का धनी होगा तभी सर्वांगीण समृद्धि का सूत्रपात होगा। ऐसा हम पूर्ण विश्वास के साथ इसलिए कह पा रहे हैं, क्योंकि हम इस परिवर्तन के स्व अनुभवी और प्रत्यक्षदर्शी हैं। उक्त विचार ब्रह्मा कुमारीज़ मूल्य उपवन प्रभारी ब्रह्माकुमारी किरण ने विश्व शिक्षक दिवस पर ” चिरकालिक शांतिपूर्ण भविष्य हेतु शिक्षाविदों में आध्यात्मिकता” विषय पर आयोजित शिक्षाविद् सभा में रखे। उन्होंने भिन्न भिन्न शैक्षणिक संस्थानों से आए शिक्षाविदों का आव्हान किया कि इस मूल्य एवं अध्यात्म शिक्षा के मंदिर में दिए जा रहे प्रशिक्षण का स्वयं लाभ लें और औरों को भी लाभान्वित करें।