’~ उन्हें यह सम्मान एशिया-प्रशांत क्षेत्र के शीर्ष सांस्कृतिक धरोहर प्रोजेक्ट में मिला है~
भारत, 22 जनवरी, 2025- वर्चुसा ने वर्चुसा फाउंडेशन के जरिये यह घोषणा की है कि मुंबई के बयरामजी जीजीभॉय पारसी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन (बी.जे.पी.सी.आई) को जीर्णोद्धार के लिए ‘अवॉर्ड ऑफ मेरिट’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण 2024 के लिए यूनेस्को एशिया-पैसिफिक अवॉर्ड की ओर से यह सम्मान प्राप्त हुआ है। वर्चुसा फाउंडेशन के मजबूत स्तंभों शिक्षा, सशक्तिकरण और पर्यावरण के अनुकूल ये प्रोजेक्ट पर्यावरण की रक्षा करने और सामाजिक प्रभाव को लेकर वर्चुसा की प्रतिबद्धता दर्शाता है। 134 वर्ष पुरानी इस संरचना को वर्चुसा ने इतिहास के एक अहम हिस्से के रूप में संरक्षित रखने में मदद की है। वहीं यह संस्थान गरीब समुदायों की भावी पीढ़ियों को शिक्षित और प्रेरित करने का कार्य करता रहेगा।
कंजर्वेशन आर्किटेक्ट विकास दिलावरी के नेतृत्व और वर्चुसा फाउंडेशन की सहायता से किए गए इस जीर्णोद्धार में स्कूल की जटिल वास्तुकला में एक नई जान डाली गई। इसमें सागौन की लकड़ी से बने स्क्रीन और रंगीन कांच शामिल हैं। इस स्कूल को जाने-माने विक्टोरियन वास्तुकार और इंजीनियर खान बहादुर मुंचेरजी सी.मुर्जबान ने डिजाइन किया था, जोकि मुंबई में बनी गोथिक वास्तुकला शैली की आखिरी बची हुई संरचना है। वर्ष 1890 में बयरामजी जीजीभॉय ने इसकी स्थापना की थी। स्कूल का जीर्णोद्धार करने में इसके ऐतिहासिक महत्व को संरक्षित रखते हुए भावी पीढ़ियों को भी ध्यान रखा जा रहा है। इस पहल के जरिए 1500 स्टूडेंट्स को शिक्षा मिल रही है। इससे शिक्षा को आगे बढ़ाने और स्थायी पहलों के माध्यम से समुदायों को ऊपर उठाने की वर्चुसा की प्रतिबद्धता का पता चलता है।
अमित बाजोरिया, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर, वर्चुसा कॉर्पोरेशन का कहना है, “यूनेस्को द्वारा बी.जे.पी.सी.आई को पुरस्कार मिलना, वर्चुसा की सार्थक इंजीनियरिंग के संकल्प का एक बेहतरीन उदाहरण है। ये प्रोजेक्ट बड़ी ही खूबसूरती से समझता है कि कैसे धरोहरों का संरक्षण पीढ़ियों को सस्टेनेबिलिटी के सिद्धांतों का पाठ सिखाकर उन्हें प्रेरित और जागरूक कर सकता है। जीर्णोद्धार का यह प्रोजेक्ट शिक्षा, सांस्कृतिक संरक्षण और अतीत एवं भविष्य के बीच एक सार्थक जुड़ाव तैयार करने की हमारी प्रतिबद्धता दिखाता है।’’
बी.जे.पी.सी.आई के ट्रस्टी रुस्तम एन.बी. ने कहा, “यूनेस्को का यह पुरस्कार हमें भावी पीढ़ी के लिए हमारे साझा धरोहर को संरक्षित करने के महत्व को बखूबी समझाता है। वर्चुसा फाउंडेशन के मजबूत सहयोग में बी.जे.सी.आई दृढ़ता, उत्कृष्टता और शिक्षा एवं सांस्कृतिक संरक्षण के शाश्वत मूल्यों के एक प्रतीक के रूप में नजर आता है। यह सम्मान सांस्कृतिक धरोहर और शैक्षणिक उत्कृष्टता में नेतृत्व की परंपरा को आगे बढ़ाने में मजबूती प्रदान करता है।’’
साल 2000 से सांस्कृतिक धरोहर संरक्षण के लिए दिया जाने वाला यूनेस्को एशिया-पैसिफिक अवॉर्ड, 27 देशों के 900 से भी अधिक प्रोजेक्ट को सम्मानित कर चुका है। इससे धरोहर के संरक्षण और उनके पुनरोद्धार को बढ़ावा मिलता है। इस साल विजेताओं में शामिल बी.जे.पी.सी.आई का जीर्णोद्धार प्रोजेक्ट बताता है कि कैसे संरक्षण से समुदायों में बदलाव आ सकता है, उनमें गर्व और एक नए मकसद के होने की भावना जाग सकती है।
साल 2024 में अवॉर्ड ऑफ मेरिट जीतने वाले अन्य प्रोजेक्ट इस प्रकार हैं:
• गुआनिन हॉल टीहाउस कंजर्वेशन प्रोजेक्ट: चेंग्दू, सिचुआन प्रांत, चीन
• हेलाउ पवेलियन कंजर्वेशन प्रोजेक्ट: शंघाई, चीन
• ऑब्जर्वेटरी टॉवर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट: क्राइस्टचर्च, न्यूजीलैंड